रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की प्रथम सिविल सेवा नियुक्ति घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने रांची के एडीएम (विधि-व्यवस्था) राजेश्वर नाथ आलोक, पूर्व डीटीओ संजीव कुमार, शालिनी विजय समेत 72 लोगों के खिलाफ संज्ञान लिया है।
इनमें से 47 आरोपियों को अभी भी सरकारी सेवाओं में पदस्थापित किया गया है।अदालत ने भादवि की कई धाराओं और पीसी एक्ट के तहत मामले की सुनवाई की और आरोपियों को 15 फरवरी को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है।
सीबीआई ने इस मामले में 4 मई 2024 को चार्जशीट दाखिल की थी। संज्ञान लेने वाले अन्य आरोपियों में प्रमुख रूप से दिलीप कुमार प्रसाद, डॉ. गोपाल प्रसाद सिंह, राधा गोविंद सिंह नागेश, शांति देवी, बिनय कुमार मिश्रा, ज्योति कुमारी झा, और कई अन्य शामिल हैं। इस मामले में विभिन्न जिलों में पदस्थ 47 सेवारत अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम भी सामने आए हैं।
सीबीआई द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ कि घोटाले में शामिल व्यक्तियों ने गलत तरीके से नियुक्तियों को प्रभावित किया था। अब अदालत ने सभी आरोपियों की उपस्थिति 15 फरवरी को सुनिश्चित करने के लिए आदेश दिया है।