रांची:JPSC एक बार फिर सक्रिय मोड में आ गया है। आयोग 17 सालों के लंबे अंतराल के बाद झारखंड पात्रता परीक्षा JET – Jharkhand Eligibility Test आयोजित करने की तैयारी में है। इस परीक्षा के माध्यम से राज्य की विश्वविद्यालयों में 2404 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाएगी।
राज्य में शिक्षक और छात्र के अनुपात की स्थिति काफी चिंताजनक है। ऐसे में यह कदम शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। झारखंड में कुल आठ सरकारी विश्वविद्यालय हैं, जिनके अंतर्गत करीब 70 से 72 अंगीभूत कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन कॉलेजों में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी वर्षों से बनी हुई है।
झारखंड में छात्र संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के क्रियान्वयन की तैयारियां भी जारी हैं। ऐसे में योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है। अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में विश्वविद्यालयों में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया लंबे समय से रुकी हुई थी, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इच्छुक उम्मीदवारों में निराशा का माहौल था।
हाल ही में JPSC ने सिविल सेवा मेन्स परीक्षा का परिणाम भी जारी किया है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि आयोग अब विभिन्न लंबित प्रक्रियाओं को पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब जब JET परीक्षा की तैयारी शुरू हो चुकी है, तो यह उन हजारों शिक्षण अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत और उम्मीद की खबर है जो वर्षों से इस अवसर का इंतजार कर रहे थे।




































