बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री KARPOORI THAKUR को मरणोपरांत भारत रत्न से किया जायेगा सम्मानित। राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित। KARPOORI THAKUR के पत्र ग्रहण करेंगे सम्मान। बिहार सीएम और दोनों डिप्टी सीएम भी रहेंगे मौजूद
नई दिल्ली: नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित एक समारोह में देश के पांच महान हस्तियों को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करेंगी। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को छोड़ बाकि चार हस्तियों को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा जायेगा। इस पांच हस्तियों में एक नाम बिहार से है और वह नाम है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री KARPOORI THAKUR का।
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देश की पांच महान हस्तियों को भारत रत्न से किया जाएगा सम्मानित, राष्ट्रपति भवन में होगा समारोह
KARPOORI THAKUR को मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा जायेगा। KARPOORI THAKUR का सम्मान उनके पुत्र और जदयू से सांसद रामनाथ ठाकुर ग्रहण करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री KARPOORI THAKUR को भारत रत्न सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद बिहार की आमजन के साथ ही राजनीतिक गलियारों में भी इस कदम का स्वागत किया गया था।
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री KARPOORI THAKUR का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम (उस समय पितौंझिया) गांव में हुआ था। वे बेहद ही साधारण परिवार से आते थे। KARPOORI THAKUR वर्ष 1940 में मैट्रिक का परीक्षा पास करने के बाद 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में कूद पड़े थे। जिसके बाद वे जेल गए और 26 महीने में जेल में रहने के बाद वे बाहर आये। वर्ष 1948 में वे समाजवादी दल के प्रादेशिक मंत्री बने, 1967 के आम चुनाव में उनके नेतृत्व में संयुक्त समाजवादी दल एक बड़ी ताकत के रूप में उभरी और 1970 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने। वे जयप्रकाश आंदोलन से भी जुड़े और 1977 में समस्तीपुर से सांसद चुने गए। 24 जून 1977 को वे दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने और 1980 के मध्यावधि चुनाव में बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के नेता बने।
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KARPOORI THAKUR हमेशा दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्ट विचार और अदम्य इक्षाशक्ति बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी। बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में बिहार को प्रगति-पथ पर लाने और विकास को गति देने में उनके अपूर्व योगदान अविस्मरणीय है।