पटनाः तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में राजद गठबंधन में टूट के कगार पर है. लेकिन इस बीच लालू प्रसाद यादव अपने पुराने रंगत में लौटते नजर आ रहे हैं.
लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास को भकचोन्धर दास का तमगा देकर बिहार की राजनीति में एक बार तूफान ला दिया है. दरअसल लालू प्रसाद यादव से बिहार प्रभारी भक्तचरण दास के उस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी, जिसमें प्रभारी भक्तचरण दास ने कहा था कि राजद अन्दरखाने भाजपा से मिली हुई है. इस प्रश्न को सुनते ही लालू प्रसाद यादव सिरे से उखड़ गए और अपने पुराने रंगत में लौटते हुए मीडियाकर्मियों से ही सवाल दाग दिया कि कहां है भकचोन्धर दास.
दलित विरोधी हैं लालू प्रसाद यादव- अशोक चौधरी
लालू प्रसाद यादव के इस बयान पर बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव की सोच दलित विरोधी है, बिहार में किस प्रकार उनके शासन काल में सामाजित विद्वेष फैलाया गया, दलितों का उत्पीड़न किया गया उसे कभी भूलाया नहीं जा सकता.
कुन्ठाग्रस्त हैं लालू प्रसाद यादव-निखिल आंनद, प्रवक्ता भाजपा
लालू प्रसाद यादव के इस बयान को लेकर भाजपा भी अपनी राजनीतिक पासा फेंकने में पीछे नहीं रही, भाजपा प्रवक्ता निखिल आंनद ने राजद और कांग्रेस दोनों पर ही निशाना साधते हुए कहा कि आज लालू राजनीति के जिस रसातल में है, उसके पीछे कांग्रेस ही है. यह कांग्रेस ही है जिसके शासनकाल में लालू प्रसाद को जेल की सजा हुई. लालू को घोटले का अभियुक्त बनाया गया, लालू प्रसाद का संसद जाने की रही-सही उम्मीद को राहुल गांधी ने संसद में बिल फाड़ कर धवस्त कर दिया. लालू की यही कुंठा आज निकल रही है.
यदि लालू यादव को यह बयान होशोहवास में दिया गया है तो लालू खेद प्रकट करेंगे-राजेश राठौड़, प्रवक्ता कांग्रेस
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि लालू यादव दलित-वंचित और शोषितों के मसीहा माने जाने हैं. उनके जैसा कद-काठी के व्यक्ति को इस प्रकार का बयान देना शोभा नहीं देता, यदि लालू यादव ने यह बयान अपने होशो हवास में दिया है, तो उन्हे इसके लिए खेद प्रकट करना चाहिए, दलितों से माफी मांगनी चाहिए. वैसे संभव है कि लम्बी बीमारी से जुझ रहे, बुजुर्ग लालू प्रसाद यों ही कुछ बोल गए हो, बीमार और बुजुर्ग व्यक्ति की बात को इतना नहीं उछालना चाहिए.