रांचीः काफी प्रयास के बाद रांची के सदर अस्पताल को पुरा भवन अस्पताल प्रबंधन को मिला। ऐसा लगा की राजधानी के मध्य मे एक ऐसा अस्पलात राजधानी के आम लोगों को मिला है जो अपने आप में पूरा है। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
लगभग चार साल पहले जरेडा के सहयोग से सदर अस्पताल के नये भवन के छत पर सात करोड़ की लागत से सौर्य पैनल लगाया गया। उस वक्त बताया गया कि अब सदर अस्पताल को बिजली के लिए किसी और पर निर्भर नहीं होना पडेगा लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत.
जेवीबीएनएल जल्द भेजेगा नोटिस
स्टॉल होने के लगभग सात साल बीत जाने के बाद भी अभी तक उक्त सौर्य पैनल से सदर अस्पतल के सुपर स्पेशलिटी भवन के बिजली के नये भवन के मेन कनेक्शन से नहीं जोड़ा जा सका है।
इसका नतीजा ये हुआ है कि वर्तमान मे सदर अस्पताल पर बिजली विभाग का लगभग 1,47,85,293,00 का बकाया हो गया है।
इस मामले मे अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि भवन के हैंडओवर लिए अभी कुछ ही दिन हुए है इस कारण इसको लेकर अभी तक जो भी प्रयास किया गया है उसको लेकर अस्पताल प्रबंधन की कहीं से भी जवाबदेही नहीं है।
हैंडओवर लेने के बाद हमने इस ओर प्रयास को प्रारंभ किया है
उम्मीद करते है अगले कुछ महिनों मे पुरे सदर अस्पताल मे सौर्य पैनल से ही बिजली की आपुर्ति होगी।
हैंडओवर लेने से पहले के बिजली बिल का बकाया कौन देगा !
बिजली का खर्च हुआ है तो इसका भुगतान तो करना होगा
इस सवाल के जवाब मे अस्पताल बंधन का कहना है कि जब भवन हमारे अधिन नहीं था तो हम भवन के किसी भी प्रकार के बकाये के भुगतान के लिए जवाबदेह नहीं है..
इस मामले मे जेवीबीएनएल की ओर से जब जानकारी मांगी गई
तो मामले पर उनका कहना है कि बिजली का खर्च हुआ है तो इसका भुगतान तो करना होगा.
ये कौन करगा इसको लेकर हम कैसे कुछ भी कह सकते हैं.
ये हमारे अधिकार क्षेत्र मे नहीं है लेकिन हम जल्द ही सदर अस्पताल प्रबंधन को बकाया का नोटिस भेजने पर विचार कर रहे हैं.