जेएसएससी मामले पर सुनवाई, जानिये हाईकोर्ट ने क्या कहा

जेएसएससी मामले पर सुनवाई, जानिये हाईकोर्ट ने क्या कहा

रांची : जेएसएससी मामले पर सुनवाई, जानिये हाईकोर्ट ने क्या कहा- जेएसएससी में हिंदी और अंग्रेजी हटाये जाने के मामले पर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि उक्त याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि प्रार्थी के द्वारा नई नियमावली के तहत जारी किसी भी विज्ञापन को चुनौती नहीं दी गई है. जिसमें प्रार्थी संबंधित नियमावली से प्रभावित हो रहा है.

इस दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अगर प्रार्थी चाहते हैं तो वर्तमान याचिका को वापस लेकर दूसरी याचिका दाखिल कर सकते हैं. लेकिन प्रार्थी रमेश हांसदा और कुशल कुमार की ओर से इस मामले में जवाब देने के लिए समय की मांग की गई, जिसको अदालत ने स्वीकार कर लिया. मामले में अगली सुनवाई 6 अप्रैल को निर्धारित की गई है. प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, कुमार हर्ष, कुशल कुमार सहित अन्य अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा.

जेएसएससी ने नियुक्ति के लिए बनाई नई संशोधन नियमावली

याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार की ओर से जेएसएससी नियुक्ति के लिए नई संशोधन नियमावली बनाई गई है. नियमावली के अनुसार नियुक्ति के लिए वैसे अभ्यर्थी पात्र है, जिन्होंने झारखंड के संस्थान से दसवीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की हो. इसके अलावा जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हिंदी और अंग्रेजी को हटा दिया गया है. वहीं, अन्य उर्दू, ओड़िया और बांग्ला भाषा को शामिल किया गया है. झारखंड के संस्थान से पास होने की आहर्ता सिर्फ सामान्य वर्ग के लिए है, जबकि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को इससे छूट प्रदान की गई है.

आपको बता दें कि याचिका में यह भी कहा गया है कि यह नियमावली संविधान की मूल भावना के विपरीत है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है. वैसे अभ्यर्थी जो झारखंड के निवासी होते हुए भी राज्य के बाहर से पढ़ें हो, उन्हें नियुक्ति परीक्षा से नहीं रोका जा सकता है, इसलिए नई नियमावली को निरस्त किया जाए.

रिपोर्ट : प्रोजेश दास

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