Ranchi- एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा की ओर से
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, रांची के समक्ष प्रदर्शन किया गया.
इसमें राज्य के कोने – कोने से जुटे हजारों सहायक अध्यापकों ने हिस्सा लिया.
इस अवसर पर मोर्चा के पदाधिकारियों ने सरकार पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि
यदि हमारे प्रमाण पत्रों का सत्यापनअब तक नहीं किया गया तो यह संबंधित अधिकारियों की गलती है.
जबकि सरकार के द्वारा अब तक उन विभागीय अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी,
लेकिन हम शिक्षकों को मानदेय रोक दिया गया.
मानदेय रोकना दुर्भाग्यपूर्ण- अध्यापक संघर्ष मोर्चा
जबकि खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इसकी अनुशंसा की थी.
वक्ताओं ने सहायक अध्यापक को वेतनमान देने,
ईपीएफ से जोड़ने, अनुकंपा के प्रावधान को लचीला करने, टेट विसंगति को दूर करने, एनसी अंकित
और अप्रशिक्षित शिक्षकों की समस्या दूर करने की मांग किया.
साथ ही यह भी कहा कि यदि समस्याओं का निवारण नहीं किया गया तो
बाध्य होकर मुख्यमंत्री आवास के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा.
हालांकि प्रशासी पदाधिकारी ने धरनास्थल पर जाकर सहायक अध्यापकों को पूजा से पहले मानदेय भुगतान का
और अन्य मुद्दों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया.
आज के इस प्रदर्शन में अली रजा खान, नीलाम्बर मंडल, कपिलदेव राय, बीरेंद्र राय,
कृष्णा पासवान, ध्रुव शर्मा, चंदन मेहता, जितेंद्र कुमार, नारायण मेहता, सुखदेव हाजरा,
नारायण दास, तुलसी महतो, अतुल कुमार, अनूप कुमार, बेलाल अहमद, ऋषिकांत तिवारी,
विजय पांडेय, उपेंद्र पाठक, मो शकील, अर्जुन सोय, महावीर महतो, महावीर पहन एहतेशामूल हक,
जसीम अंसारी, जया रानी कुंवर, गौरी झा सुधीर कौशल रामअवतार प्रजापति महावीर पाहन,
चन्दन ठाकुर, कलीम अंसारी , मनोज यादव, वीरेंद्र कुमार, सीताराम कुमार,
जितेंद्र मिश्रा, विकास कुमार, मनोज घोष, रविंद्र सिंह दीनानाथ प्रसाद,
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