राजनीतिक रैलियों पर रोक के फैसले को विपक्ष ने मोदी सरकार के ऊपर छोड़ा

नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकार पर है कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के प्रसार के बीच राजनीतिक रैलियों के आयोजन पर रोक लगायी जानी चाहिए या नहीं. साथ ही जोर दिया कि जो भी फैसला लिया जाएगा, कांग्रेस उसका पालन करेगी. कांग्रेस रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेगी या नहीं? इस सवाल पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि इस पर फैसला सरकार को लेना है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा ने संविधान और कानून के मुताबिक प्रतिबंध लगाने की जिम्मेदारी और अधिकार सरकार के पास है. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी या वाम दल फैसला कैसे ले सकते हैं? सुरजेवाला ने कहा कि सभी तथ्य जानने के बाद इस बारे में फैसला प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेना होगा.

गौरतलब है कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी और चुनाव आयुक्त से कोरोना के खतरे को समझते हुए विधानसभा चुनाव टालने को लेकर विचार करने की बात कही है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने चुनावी रैलियां और जनसभाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कहा है. अगले साथ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर सियासी पार्टिया पूरे जोर शोर से जुटी हुई हैं.

लेकिन, देश में लगातार बढ़ते ओमिक्रोन के खतरे और कोरोना के बढ़ते मामले के बीच कई राज्य सरकारों ने सख्ती बरतते हुए नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि अगर ऐसे ही रैलियां होती रही तो कोरोना बेकाबू नहीं हो जाएगा.

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