गया: देश भर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। भक्त भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना में जुटे हुए हैं। वृंदावन, गोकुल के साथ ही देश भर में श्री कृष्ण जनमोत्स्व की तैयारी अंतिम चरण में है। बिहार के गया में भी भगवन कृष्ण के बालरूप की पूजा की जाती है। यहां भगवन कृष्ण की बालरूप में अत्यंत दुर्लभ और चमत्कारिक अस्टधातु की प्रतिमा स्थापित है।
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गया में स्थित करीब 350 वर्ष पुराने कृष्ण द्वारिका मंदिर में भगवान कृष्ण बालरूप में बांसुरी लिए हुए विराजमान हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि प्रतिमा अद्भुत और चमत्कारिक है। यह प्रतिमा गुजरात के द्वारिका में स्थापित प्रतिमा की जैसी है। यहां भी भगवान चतुर्भुज रूप में विराजमान हैं। हालांकि यह प्रतिमा द्वारिका मंदिर के प्रतिमा से छोटी है लेकिन स्वरूप एकदम से मिलता जुलता है। कृष्ण द्वारिका मंदिर में स्थापित इस प्रतिमा का दर्शन करने देश भर से लोग आते हैं।
गया में तीर्थ के लिए आने वाले तीर्थयात्री इस मंदिर में दर्शन जरूर करते हैं। मंदिर में इस स्थापित इस प्रतिमा की खासियत है कि यह चरों पहर में अपना रूप बदलती है। चारों पहर में भगवान का अलग अलग रूप होता है। मंदिर के पुजारी अरविंद कुमार मिश्रा ने कहा कि यहां से कोई खाली हाथ नहीं जाता है।
भगवान यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहां एक कुआं था। कुआं में करीब 350 वर्ष पहले जोरदार आवाज आई और जब लोग वहां पहुंचे तो उन्हें यह प्रतिमा मिली। प्रतिमा को यहां मंदिर बना कर स्थापित किया गया और तब से यह प्रतिमा यहां स्थापित है।
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गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट
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