Breaking : संन्‍यास पर मायावती की दो टूक – सवाल ही नहीं पैदा होता…

Breaking : संन्‍यास पर मायावती की दो टूक - सवाल ही नहीं पैदा होता

डिजीटल डेस्क : Breakingसंन्‍यास पर मायावती की दो टूक – सवाल ही नहीं पैदा होता…। मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होने वाली अहम बैठक को लेकर सियासी हलके में तेजी से चर्चा फैली कि संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है और किसी नए चेहरे को पार्टी की कमान मिल सकती है।

बैठक से ऐन 24 घंटे पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐसी सारी अटकलबाजियों को खारिज कर दिया है। उन्होंने ऐसे हर कयासों और अटकलों का खंडन करते दो टूक अंदाज में साफ कर दिया है कि सक्रिय राजनीति से उनके संन्‍यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।

सोशल मीडिया मायावती ने लिखा – अंतिम सांस तक सक्रिय राजनीति में रहूंगी

सोशल मीडिया  पर बीते कुछ दिनों से काफी सक्रिय नजर आ रहीं बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को लिखा है- ‘बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बसपा  के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल है। सक्रिय राजनीति से मेरा संन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।’

मायावती बोलीं –मुझे राष्‍ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गई

इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि’ जबसे पार्टी ने आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ होने पर या विकट हालात में उन्हें बसपा के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें।

पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गई थी जबकि मान्यवर कांशीराम ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से संन्‍यास लेना है। जो पार्टी हित में उन्हें गंवारा था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव हो सकता है’।

फाइल फोटो
फाइल फोटो

बसपा सुप्रीमो को याद आया गेस्ट हाउस कांड, कांग्रेस को लिया आड़े हाथ

बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को सालों पुराने गेस्ट हाउस कांड को याद किया और उस बहाने कांग्रेस को जमकर आड़े हाथ लिया। बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को कहा कि -‘गेस्ट हाउस कांड में कांग्रेस की नीयत खराब हो गई थी। वह प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रच रही थी।

तब बीमारी की हालत में कांशीराम ने हास्पिटल छोड़कर इनके गृह मंत्री को हड़काया और विपक्ष ने संसद को घेर लिया, तब कांग्रेस सरकार हरकत में आई थी’। बसपा सुप्रीमो ने सोमवार को सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में कहा कि- ‘सपा ने 2 जून 1995 में बसपा द्वारा समर्थन वापस लेने पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था।

इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? उस दौरान केंद्र में रही कांग्रेस सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था। दरअसल, उस समय केंद्र की कांग्रेस सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी। जो कुछ भी अनहोनी के बाद यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी।

उसका यह षड्यंत्र बसपा ने फेल कर दिया था। उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से भाजपा सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इन्सानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया, इसकी कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ होती रहती है। लिहाजा बसपा समर्थक कांग्रेस से सचेत रहें’।

मायावती ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर भी कांग्रेस पर दागे सवाल

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कहा कि-‘बसपा वर्षों से जातीय जनगणना के लिए केंद्र में कांग्रेस और भाजपा पर पूरा दबाव बनाती रही है। बसपा वर्षों से इसकी पक्षधर रही है। लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस एससी-एसटी व ओबीसी वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी। कांग्रेस एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, उसका जवाब दे’।

बता दें कि मंगलवार 27 अगस्त को बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक प्रदेश कार्यालय में होगी। उसमें मायावती को फिर पार्टी की कमान सौंपने की तैयारी है। साथ ही उसमें बसपा का राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा। बैठक मे पार्टी के देशभर के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। उन्हें मायावती राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और यूपी के उपचुनाव को लेकर अहम दिशा-निर्देश देंगी।

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम का स्वास्थ्य खराब होने के बाद पार्टी की कमान संभाली थी। उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है और उसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में बसपा ने भी उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

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