चतरा: देश प्रदेश में आपको अक्सर ऐसे कई वीवीआइपीज दिखेंगे जो खेती बारी तो नहीं करते मगर खेतों में उतर कर सेल्फी के साथ फोटो खिंचाते खूब दिखाई देते हैं, मगर झारखंड में आपको ऐसे कई जननेता दिखेंगे जो वाकई में खेती बारी करते हैं और खुद को पेशेवर किसान बताते हुए गर्व भी महसूस करते हैं।
झारखंड के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण सह कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता की पहचान जमीन से जुड़े जननेता की है, उनके व्यक्तित्व का एक नया पहलू तब देखने को मिला जब वो अपने पैतृक गांव कारी पहुंचे, मंत्री सत्यानंद भोक्ता अपने खेतों के पास पहुंचते ही किसान बन गये और हल बैल लेकर खेत की जुताई करने में लग गये। इतना ही नहीं जुताई का काम पूरा होने के बाद उन्होंने अपने लोगों के साथ खेत में धान रोपनी भी की। इस मौके पर न्यूज बाइस्कोप से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो किसान के बेटे हैं और खेती करना और पूरे राज्य में कृषि को बढ़ावा देना उनका फर्ज है।
इस मौके पर उन्होंने किसानों को अपनी उपज बढ़ाने का संदेश देते हुए कहा कि झारखंड के किसान मजदूरों के सहारे नहीं बल्कि खुद मेहनत कर खेती बारी का काम करते हैं, जो कोरोना समेत तमाम बीमारियों से दूर रखता है।