आरा : आरा के सांसद सुदामा प्रसाद ने आज दिल्ली में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को एक पत्र दिया। जिसमें भोजपुर जिलाधिकारी द्वारा 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस समारोह में प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का शिकायत किया गया है और मांग किया गया है कि जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया पर कार्रवाई किया जाए। किसी निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ सम्मान और प्रोटोकॉल के साथ व्यवहार करने से इंकार करना न केवल व्यक्तिगत सांसद का अपमान है, बल्कि संसद और उन्हें चुनने वाली लाखों किसान, मजदूर, छात्र और नौजवान जनता का भी अपमान है।
पत्र में कहा गया है कि भोजपुर जिला मजिस्ट्रेट तनय सुल्तानिया द्वारा लोकसभा के निर्वाचित प्रतिनिधि के प्रति प्रोटोकॉल का उल्लंघन तथा बुनियादी शिष्टाचार का भी ख्याल नही रखा जाता हैं। पत्र में सांसद ने कहा है कि मैं आपको जिला मजिस्ट्रेट तनय सुल्तानिया (आईएएस) द्वारा आरा निर्वाचन क्षेत्र, बिहार से निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में मुझे दिए गए न्यूनतम विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन के बारे में बताना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको यह बताते हुए मुझे दुख हो रहा है कि उनका हाव भाव सांसद के निर्वाचित सदस्य को दिए जाने वाले प्रोटोकॉल के बुनियादी मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा है।
26 जनवरी 2025 के अवसर पर मुझे जिला प्रशासन द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। समारोह स्थल पर पहुंचने पर मैंने पाया कि मेरे बैठने के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं था। मेरी सीट कहां है, यह पूछने पर मुझे जिले के पुलिस अधीक्षक के बगल में बैठाया गया। हालांकि, जिला मजिस्ट्रेट के आने पर मुझे उस सीट से भी उठा दिया गया। क्या यह सांसद को दिए जाने वाले प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं है।
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यह कोई अकेली घटना नहीं है, ऐसे कई अन्य उदाहरण भी हैं जहां डीएम ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। इनके कार्यालय में जाने पर एक जनप्रतिधि के साथ न्यूनतम शिष्टाचार का भी पालन नही करते हैं और विजिटर के तरह व्यवहार किया जाता है। हमें जिले में लागू की जा रही योजनाओं और नीतियों के बारे में जानकारी देने से भी इनकार कर दिया गया है। हमने सात दिसंबर 24 को दिशा के बैठक में विकास की कई योजनाओं का लिस्ट दिया। चार और सात जनवरी 25 को कई विकास योजनाओं की जानकारी के सम्बंधित पत्र दिया, लेकिन इसका भी कोई जानकारी नहीं दिया गया। हमने पुनः 27 जनवरी 25 को एक रिमांडर दिया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि कृपया मुझे बुनियादी प्रोटोकॉल और गरिमा प्रदान करने में विफल रहने के लिए जिला मजिस्ट्रेट पर कार्रवाई करें। आपका हस्तक्षेप मेरे निर्वाचन क्षेत्र में संसद, लोकतंत्र और निर्वाचित प्रतिनिधि की गरिमा को बहाल करेगा।पत्र का प्रतिलिपि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार मुख्य सचिव को भी दिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष और मंत्री से मुलाकात में भाकपा माले संसदीय दल के नेता व काराकाट के सांसद कॉमरेड राजाराम भी साथ में थे।
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नेहा गुप्ता की रिपोर्ट