वाराणसी : महान विभूतियों के नाम पर होंगी वाराणसी की सड़कें, नगर निगम ने पास किया प्रस्ताव। वाराणसी यानी PM Modi के संसदीय क्षेत्र के प्राचीन महानगर में अब सड़के महान विभूतियों के नाम पर होंगी। इस संबंधी प्रस्ताव वाराणसी नगर निगम का एक अहम बैठक में पारित कर दिया गया है।
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मतलब यह कि भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां और पद्म विभूषण गिरिजा देवी के नाम से काशी यानी वाराणसी की सड़कों-गलियों का नामकरण होगा। इस पर नगर निगम सदन ने मुहर लगा दी है।
कंठे महाराज, पंडित किशन महाराज, सिद्धेश्वरी देवी, जद्दन बाई, सामता प्रसाद उर्फ गुदई महाराज, डॉ जयशंकर दुबे के नाम का प्रस्ताव भी आया है।
मेयर अशोक कुमार तिवारी ने मामले से जुड़े कार्यकारिणी के सदस्य व भाजपा पार्षद मदन मोहन दुबे के प्रस्ताव काे अनुमोदित किया। फिर नगर निगम सदन ने इस पर मुहर लगा दी।
वाराणसी में धार्मिक प्रवृत्ति के 44 तालाब…
वाराणसी नगर निगम सदन की बैठक मेयर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में टाउनहॉल में हुई। मेयर ने गिरिजा देवी, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, कंठे महाराज, पंडित किशन महाराज, सिद्धेश्वरी देवी, जद्दन बाई, सामता प्रसाद उर्फ गुदई महाराज, डॉ जयशंकर दुबे नाम से सड़कों, गलियों के नामकरण की मंजूरी दी है।
तय हुआ है कि वाराणसी शहर की सड़कों और गलियों के नामकरण भारत रत्न, पद्मश्री और पद्म विभूषण के नाम से होंगे। इसी क्रम में सदन को बताया गया कि नगर निगम सीमा के 134 तालाब हैं।
नवविस्तारित इलाकों के 250 तालाब और धार्मिक प्रवृत्ति के 44 तालाबों की सूची बनी है। इनमें धार्मिक प्रवृत्ति के तालाब को छोड़कर बाकी तालाबों को मत्स्य विभाग के कानून के अनुसार पट्टे पर दिया जाएगा। इससे तालाबों की बेहतर तरीके से देखभाल होगी। साथ ही नगर निगम की आय बढ़ेगी।

छाया रहा सीवर, स्ट्रीट लाइट और पार्षद कोटा का मुद्दा
संपन्न हुए वाराणसी नगर निगम सदन की बैठक में सीवर, स्ट्रीट लाइट और पार्षद कोटा का मुद्दा छाया रहा। पार्षदों ने स्ट्रीट लाइट की क्वालिटी और खराब होने की सूचना देने के बाद भी मरम्मत न किए जाने की जानकारी दी।
कई इलाकों में सीवर की समस्या के बारे में बताया। पार्षद कोटे का काम न होने पर मेयर ने नाराजगी जताई। इस दौरान पार्षद संदीप यादव और मेयर के बीच तीखी बहस हुई। मेयर ने सभी समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए।
पार्षद नरसिंह दास ने बताया कि होली वाले दिन सफाई सुपरवाइजर आशुतोष पाठक क्षेत्र से नदारद रहे। यहां चौसट्टी देवी के दर्शन पूजन के दौरान गलियों में गंदगी रही। बार बार फोन कर बुलाने पर नहीं आए और गलत लोकेशन देते रहे।
इस पर मेयर ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सपा पार्षद हारून अंसारी ने किराये पर सवाल उठाया और कहा कि लाइसेंस, दुकानों का किराया एक समान किया जाए। सर्किल रेट की वजह से दुकानों का किराया एक समान नहीं है।
उन्होंने सर्किल रेट पर किराया दर बढ़ाने पर आपत्ति दर्ज कराई। पार्षद सुरेश कुमार चौरसिया ने बार कोड के बारे में सवाल उठाए। बार कोड से हो रही वसूली की जानकारी मांगी गई। पार्षद अमरदेव यादव और प्रमोद राय ने कहा कि कई बार निर्णय लेने के बाद भी वार्डों में एक मिस्त्री, दो लेबर और निर्माण सामग्री नहीं रखी जा रही है।
उपसभापति नरसिंह दास ने गर्मी को देखते हुए पानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई हैंडपंप खराब हैं। कई रिबोर होने हैं। स्टैंड पोस्ट खराब हैं। कुओं की सफाई भी नहीं हुई। कुछ इलाकों में दूषित जलापूर्ति हो रही है।
कई अन्य पार्षदों ने भी पानी का मुद्दा उठाया। इस पर मेयर ने हैंडपंपों के रिबोर, कुओं की सफाई, दूषित जलापूर्ति सहित अन्य दिक्कतों को दूर करने को कहा। साथ ही 15 दिनों में हैंडपंपों को रिबोर करने और दो दिन के भीतर पानी के दिक्कतों वाले वार्ड के इलाकों की सूची मांगी।

सरकारी तालाब को पाटकर बने सनबीम स्कूल मामले की होगी जांच…
नगर निगम सदन की बैठक में कार्यकारिणी के सदस्य और भाजपा पार्षद मदन मोहन दुबे ने प्रस्ताव दिया। पार्षद ने बताया कि लहरतारा स्थित सनबीम स्कूल सरकारी तालाब को पाटकर बनाया गया है। इस बारे में स्थानीय लोगों ने भी बताया है।
यह तालाब वर्तमान में नगर निगम की संपत्ति है। कार्यकारिणी के सदस्य ने सदन को बताया कि सनबीम स्कूल भगवानपुर, अन्नपूर्णा नगर, सनबीम सनसिटी करसड़ा, सनबीम वरुणा सहित और भी जो स्कूल हैं, उसकी जांच राजस्व टीम से कराई जाए।
नगर निगम की जमीन कब्जे में ली जानी चाहिए। इस पर मेयर अशोक कुमार तिवारी ने नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को 15 दिन के भीतर जांच कराकर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। पार्षद मदन मोहन दुबे के अनुसार मेरे प्रस्ताव पर मेयर ने जांच करने को कहा है।

सभी स्कूल नाले या नगर निगम की नजूल की संपत्ति पर हैं या नहीं, इसकी पूरी रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी।
इसके अलावा भी सदन की बैठक में कई अन्य अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। शहर के कई डाक्टर घर पर प्रैक्टिस करते हैं। जिन पर नगर निगम की ओर से लाइसेंस शुल्क लगाया जाता है।
इस पर चर्चा के बाद मेयर ने कहा कि घर पर प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों से लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस मामले में IMA से जुड़े डाक्टरों ने मेयर से मुलाकात की थी और राहत दिलाने की मांग रखी थी।