ताइपे : चीन की धमकी के बीच अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची.
Highlights
पेलोसी की यात्रा से नाखुश ड्रैगन ने अमेरिका पर वादा और विश्वास तोड़ने का आरोप लगाया है.
वहीं, पेलोसी ने कहा कि ताइवान में लोकतंत्र के साथ हैं.
इस बीच अमेरिका और चीन दोनों देशों ने अपने-अपने युद्धपोत तैनात कर दिए हैं.
चीन की धमकी : कई तरह की लगाई पाबंदियां
वहीं चीन ने द्वीप को प्राकृतिक रेत का निर्यात रोक देने की घोषणा की है.
जीटीएन न्यूज ने चीनी वाणिज्य मंत्रालय के हवाले से यह जानकारी दी है.
इसके साथ ही चीन ने ताइवानी कंपनियों के खिलाफ कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं.
बता दें कि बीजिंग की चेतावनी के बावजूद पेलोसी मंगलवार 2 अगस्त को ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचीं.
आर्थिक और आयात प्रतिबंधों की घोषणा
चीन ने पेस्ट्री, पके हुए माल और मिठाई का उत्पादन करने वाली
कई ताइवानी कंपनियों पर आर्थिक और आयात प्रतिबंधों की भी घोषणा की है.
मंगलवार को, चीन ने ताइवान की कई खाद्य कंपनियों के उत्पादों के आयात को अस्थायी रूप से रोक दिया.
फोकस ताइवान के मुताबिक ताइवान की कृषि परिषद (सीओए) ने बताया कि ब्लैक लिस्ट में डाली गई कंपनियों में चाय की पत्ती, सूखे मेवे, शहद, कोकोआ बीन्स और सब्जियों के उत्पादकों के साथ-साथ मछली पकड़ने वाले लगभग 700 जहाज शामिल हैं.
ताइवानी कंपनियों के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई
चीन के सीमा शुल्क के सामान्य प्रशासन के डाटा से पता चलता है कि कई ताइवानी कंपनियां जिनकी पंजीकरण स्थिति अपडेटेड है, वे भी प्रतिबंध से प्रभावित हुई हैं. फोकस ताइवान के मुताबिक अपनी वेबसाइट पर, सीमा शुल्क प्रशासन ने ष्क्रैकर्स, पेस्ट्री और नूडल्सष् श्रेणी के तहत कुल 107 पंजीकृत ताइवानी ब्रांडों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें से 35 कंपनियों को अप-टू-डेट पंजीकरण होने के बावजूद ष्अस्थायी रूप से निलंबित आयातष् के रूप में लेबल किया गया है.
पेलोसी की यात्रा का चीन क्यों कर रहा विरोध
चीन ताइवान को मुख्य भूमि का हिस्सा मानता है. बीजिंग का कहना है कि पेलोसी की यात्रा ‘एक-चीन’ सिद्धांत और तीन चीन – अमेरिका संयुक्त घोषणा के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन है. बीजिंग ने कहा कि यह यात्रा ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करती है और ष्ताइवान की स्वतंत्रता के लिए अलगाववादी ताकतोंष् को गलत संकेत देती है.
मंगलवार को ताइपे पहुंकर पेलोसी ने ताइवान के लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए अपने देश की अटूट प्रतिबद्धता को व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह यात्रा किसी भी तरह से स्व-शासित द्वीप पर संयुक्त राज्य की नीति के विपरीत नहीं है.