Desk. बांग्लादेश में हिंसा के बीच लगभग एक हजार भारतीय नागरिक स्वदेश लौट आए हैं। इनमें मुख्य रूप से छात्र शामिल हैं। बता दें कि बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं।
बांग्लादेश से भारतीय नागरिक लौटे स्वदेश
बताया जा रहा है कि शुक्रवार से पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा दिया गया है तथा सरकारी नौकरियों में आरक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और सरकार समर्थक छात्र समूहों तथा पुलिस के बीच झड़पों के बाद सेना तैनात कर दी गई है। बांग्लादेश के विभिन्न शहरों से कई लोगों की मौत की खबरें आई हैं। केवल शुक्रवार को ही प्रदर्शनकारियों द्वारा बंद के दौरान हुई झड़पों में 56 लोगों की मौत हो गई।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कुल 778 भारतीय छात्र विभिन्न सीमा चौकियों के माध्यम से स्वदेश लौटे और लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों से नियमित उड़ान सेवाओं से भारत वापस आए। वहीं भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में रह रहे 4,000 से अधिक छात्रों के साथ नियमित संपर्क में हैं और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि बांग्लादेश में लगभग 8,500 छात्र सहित लगभग 15,000 भारतीय हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा था कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं। ढाका में उच्चायोग और चार सहायक उच्चायोग अंतरराष्ट्रीय सीमा पर क्रॉसिंग पॉइंट्स तक भारतीय नागरिकों की सुरक्षित यात्रा की सुविधा के लिए बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं।
वहीं विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों की सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए नागरिक उड्डयन, आव्रजन, भूमि बंदरगाहों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है। भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चायोग और सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं। आवश्यकतानुसार, चुनिंदा भूमि बंदरगाहों के माध्यम से वापसी के दौरान सड़क मार्ग से उनकी यात्रा के लिए सुरक्षा एस्कॉर्ट की भी व्यवस्था की गई है।
ढाका में उच्चायोग बांग्लादेश के नागरिक उड्डयन अधिकारियों और वाणिज्यिक एयरलाइनों के साथ समन्वय कर रहा है ताकि ढाका और चटगांव से भारत के लिए निर्बाध उड़ान सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें, जिनका उपयोग भारतीय नागरिक घर लौटने के लिए कर सकते हैं। वहीं विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है और इसे पड़ोसी देश का आंतरिक मामला बताया है।