Patna- लालकिले पर तिरंगा फहरायेगा महागठबंधन – बिहार में बदली राजनीतिक फिजा के बीच अब महागठबंधन के नेताओं की ओर से 2024 को लेकर रणनीतियां बनायी जाने लगी है.
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माना जा रहा है कि सितम्बर माह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के दूसरे हिस्सों में अपनी यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं.
उनकी कोशिश देश के स्तर पर एक महागठबंधन को अमलीजामा पहनाने की है.
जिससे कि विपक्षी मतों में बिखराव को रोका जा सके.
तेलांगना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की आज पटना यात्रा को उसी की एक कड़ी मानी जा रही है.
भाजपा को चुनौती : तिरंगा फहरायेगा महागठबंधन
बता दें कि चन्द्रशेखर राव आज विशेष विमान से पटना पहुंचे हैं.
वैसे तो उनकी यह यात्रा घोषित रुप से गलवान घाटी में शहीद हुए
बिहार के सपूतों और हैदराबाद दुर्घटना में मृतकों के भावपूर्ण श्रद्धांजलि को लेकर है.
लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा आम है कि मामला सिर्फ इतना नहीं है,
सीएम चन्द्रेशखर राव की कोशिश भी विपक्षी खेमे को लामबंद कर 2024 में भाजपा को चुनौती देने की है.
नीतीश कुमार को महागठबंधन का चेहरा बनाने की कोशिश
अब लालकिले पर तिरंगा फहरायेगा महागठबंधन
नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने के बाद उनका यह सपना पूरा होता नजर आ रहा है.
माना यह जा रहा है कि कांग्रेस सांगठिनक तौर पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है.
वह अपने बुते भाजपा को चुनौती देने की स्थिति में नहीं है.
ममता बनर्जी भी कई मामलों में उलझी हुई है,
अरविन्द केजरीवाल के पास अभी काफी लम्बी राजनीति बची हुई है.
वह इतनी जल्दवाजी में नहीं है.
रही बात अखिलेश और कई दूसरे नेताओं की तो किसी को भी नीतीश कुमार से कोई आपत्ति नहीं हो सकता.
कांग्रेस को भी एक ऐसे चेहरे की जरुरत है जो सारी विपक्षी दलों को एक छतरी ने नीचे ला सके.
इस परिस्थिति में नीतीश कुमार एक मनमाफिक उम्मीदवार हो सकते हैं.
150 के आंकड़ें पर सिमट जायेगी भाजपा
यही कारण है कि अब बिहार में महागठबंधन के नेता भाजपा को खुली चुनौती दे रहे हैं कि
2024 के चुनाव में इनका आंकड़ा 150 भी पार नहीं करने जा रहा.
इस बीच बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दावा किया है कि
2024 के बाद लालकिले पर महागठबंधन की ओर से ही तिरंगा फहराया जाएगा.
मंत्री कार्तिक सिंह के मंत्रालय बदले जाने पर श्रमण कुमार ने कहा कि
कोई प्रधानमंत्री से पूछे कि गृह मंत्री, रेल मंत्री और रक्षा मंत्री में बदलाव किसने किया और क्यों किया,
यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि किसी मंत्री रखे और किसे क्या जिम्मेवारी दे.
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