दुमका : 16 दिसम्बर से झारखण्ड सरकार ने आपका हक आपका अधिकार सरकार आपके द्वार का कार्यक्रम चला रही है. सरकार इसे नियुक्ति वर्ष की बात कह रही है, और इनकी दास्तान को नहीं सुन रही है. ये वो महिला हैं जो कम मानदेय में काम करती है और पूरे राज्य में लगभग 12 हजार की संख्या में हैं. सिर्फ दुमका जिला में 2200 है.
आंगनबाड़ी पोषण सखी को सरकार ने ही नियुक्त किया था. ये तीन हजार मानदेय पर सुदूर गांव में काम करती हैं. यानी मनरेगा मजदूर से भी कम मजदूरी मिलता है. इन आंगनबाड़ी पोषण सखी को एक सौ रुपया रोजाना की मजदूरी मिलता है.
कोरोना महामारी में भी इनलोगों ने खूब काम किया. ये लोग झारखण्ड प्रदेश के मूल निवासी आदिवासी महिला हैं. ये अपने हक और अधिकार की लड़ाई नौ महीने से लड़ रही है. महज तीन हजार रुपया का मानदेय भी इन्हें 9 महीना से सरकार ने नहीं दिया है. जिसके चलते इनकी माली हालत खराब हो गई है. छोटे-छोटे बच्चों के साथ ये महिलाएं दो दिन तक सीएम हेमंत सोरेन के खिजुरिया स्थित दुमका आवास पर धरना दे रही हैं. सरकार से निवेदन कर रही है कि हमरी भी सुनो सरकार हम बैठे हैं आपके द्वार.
रिपोर्ट : विजय
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