छपरा : भिखारी ठाकुर जयंती पर शहर के भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह में इप्टा, छपरा द्वारा जातीय विद्वेष और युद्ध की वीभिषिका के खिलाफ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कालजयी रचना ‘रश्मिरथी’ नाटक की प्रस्तुति जिला प्रशासन, भिखारी ठाकुर लोकसाहित्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव, पाटलिपुत्रा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंस, बिहार नाई समाज और इप्टा, छपरा के सौजन्य से किया गया। ‘रश्मिरथी’ का नाट्यांतरण, निर्देशन और रंग परिकल्पना डॉ. अमित रंजन ने की है तो रंग संगीत कंचन बाला और टुन्नू तनहा ने तैयार किया है। नृत्य संयोजन आयुषी परासर और रुप सज्जा आदित्य और राहुल, बैकग्राउंड संगीत टुन्नू तनहा, प्रकाश संयोजन रवि कुमार सह निर्देशन मनोरंजन पाठक और मृणाभ कुमार का है।
नाटक के कथा नायक कर्ण की भूमिका मनोरंजन पाठक ने पात्र को जीवंत करते हुए बेहतरीन अभिनय किया तो कृष्ण की भूमिका डॉ. राकेश कुमार के अद्भुत अभिनय से दर्शकों को लुभाया। परशुराम की भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी और निर्देशक डॉ. अमित रंजन ने श्रेष्ठता का भली भांति परिचय दिया तो वहीं कुंती की भूमिका में कंचन बाला ने सूक्ष्म संवेदनशील अभिनय का नायाब उदाहरण प्रस्तुत किया। इन्द्र की भूमिका में अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार शाही ने और दुर्योधन की भूमिका में पंकज कुमार ने कमाल का अभिनय पेश किया। अर्जुन की भूमिका में मृणाभ कुमार ने जीवंत अभिनय किया। भीम की भूमिका में अमितेश, कृपाचार्य की भूमिका में सागर कुमार , नटी की भूमिका में आयुषी परासर, समय की भूमिका अभिलाषा मिश्रा, कोरस की भूमिकाओं में सागर कुमार, आयुषी परासर, आशीष कुमार सिंह, प्रियंका श्रीवास्तव, शुभम राज सिंह, हर्षित, आदर्श और अभिनव ने अपने सधे और संतुलित अभिनय से नाटकीय कथ्य को जहां सम्प्रेषणीय बनाया वहीं भूमिकाओं के साथ भरपूर न्याय किया।
‘रश्मिरथी’ के जातीय विद्वेष और युद्ध की वीभिषिका के साथ साथ राजनीति, देश धर्म आदि से संबद्ध संदेश पूरी शिद्दत के साथ मंच से सम्प्रेषित हुए। मनोरंजन पाठक, पंकज कुमार, कंचन बाला, बिपिन बिहारी श्रीवास्तव, शैलेंद्र कुमार शाही जैसे वरिष्ठ और नये तमाम कलाकारों के सम्मिलित प्रयास से महज 55 मिनट का नाटक अपनी यादगार छाप छोड़ने में सफल रहा जिसका श्रेय कलाकारों के जीवंत सधे संतुलित अभिनय के साथ साथ रंग संगीत निर्देशक द्वय कंचन बाला और टुन्नू तनहा तथा टुन्न तनहा द्वारा तैयार साऊंड ट्रैक और रवि कुमार के प्रकाश संयोजन को जाता है। संगीत बद्ध संवाद पहले से ही ट्रैक के रुप में रिकार्डेड थे जिससे संवाद पूरी स्पष्टता के साथ सम्प्रेषित हुए। दर्शकों ने रश्मिरथी में डॉल्बी साऊंड का लुत्फ उठाया।