रांची: गुरुवार की शाम इटकी थाना क्षेत्र के गड़गांव चौक एनएच-33 पर स्थित रंजीत होटल के बाहर बैठे शिवसेना के राज्य अध्यक्ष दीपक सिंह इनके सहयोगी भोमा सिंह व नरेश महतो पर दो बाइक पर सवार छह अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी.
इस गोलीबारी में तीनों घायल हो गये थे. इसके बाद तीनों को पंडरा स्थित जसलोक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां चार घंटे के ऑपरेशन के बाद तीनों के शरीर में फंसी गोली और उसके पार्टिकल को चिकित्सकों ने बाहर निकाल दिया है इसकी पुष्टि जसलोक अस्पताल के चिकित्सक डॉ जितेंद्र सिन्हा ने की है। उन्होंने बताया कि गड़गांव निवासी दीपक सिंह को बायीं नाभि के पास गोली लगी थी, जो कमर के दाहिने हिस्से में आकर फंस गयी थी. स्पेशल सर्जरी कर गोली निकाली गयी.
वहीं गड़गांव के ही राम प्रसाद उर्फ भोमा सिंह को दाहिने कमर में लगी गोली स्पाइनल के पास आकर फंस गयी थी. इसे भी सर्जरी कर बाहर निकाला गया, जबकि भंडरा निवासी नरेश महतो को बायीं कनपटी में गोली लगी थी. जो बायीं आंख के आइब्रो को चीरते हुए बहार निकल गई थी, इनकी भी सर्जरी कर गोली के पार्टिकल को बाहर निकाला गया.
अब तीनों खतरे से बाहर हैं. ऑपरेशन रात 11 बजे से सुबह चार बजे तक चला. सर्जरी में डॉ जितेंद्र सिन्हा के साथ डॉ एनएन सिंह, डॉ अंजना कुमारी व डॉ समीर सौरभ व प्रोफेसर महतो के अलावा अन्य स्टाफ शामिल थे.
फायरिंग में नरेश महतो के पड़ोसी की संलिप्तता नहीं आयी सामने, तीन से पूछताछ घटना के बाद जसलोक अस्पताल में नरेश महतो ने पुलिस को बयान दिया था कि खिड़की खोलने के विवाद को लेकर पड़ोसी ने अपराधियों के माध्यम से फायरिंग की वारदात को अंजाम दिलवाया है.
इस आधार पर उक्त पड़ोसी को हिरासत में लेकर इटकी पुलिस ने पूछताछ की. पुलिस की प्रारंभिक जांच में पड़ोसी की संलिप्तता सामने नहीं आयी तीन अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की है. लेकिन 24 घंटे बाद भी यह क्लियर नहीं हो पाया है कि घटना के पीछे वजह क्या है.
उधर, मामले में घायल दीपक सिंह, इनके सहयोगी भोमा सिंह व नरेश महतो के फर्द बयान पर इटकी थाना के प्रभारी अमित प्रशांत ने प्राथमिकी दर्ज की.