पटना : मणिपुर जाने वाले विपक्षी नेता अपने सहयोगी के सरकार वाले राज्य बिहार का करें दौरा – बिहार भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने विपक्षी शिष्टमंडल को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने मणिपुर दौरा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इन सभी नेताओं को पहले बिहार के बेगूसराय, कटिहार और दरभंगा का दौरा करना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पहले बिहार के बेगूसराय, कटिहार और दरभंगा का दौरा कर उन जगहों पर पीड़ित दलितों, हिन्दुओं और महिलाओं का आंसू पोछना चाहिए। बेगूसराय के तेघड़ा में दलित महिला का चीरहरण, भागलपुर में पिछड़ा समाज के महिला का कुछ माह पूर्व अंग काटा जाना, दलित के शव पर लाठी चलाना एवं पेशाब करना और अररिया में दलितों के साथ दरिंदगी जैसी अनेक घटानाएं राज्य में घटी है। इन घटनाओं ने देश में बिहार को शर्मसार कर दिया है। बता दें कि विजय सिन्हा के साथ सांसद रामकृपाल यादव भी मौजूद थे।
सिन्हा ने कहा कि बिहार में विपक्ष के मुश्तैदी के कारण लाचार होकर प्रशासन को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु मजबूर होना पड़ता है। भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि अपराधिक बारदातो को जोर शोर से उठाते है और सरकार का ध्यान आकृष्ट करते है। विपक्षियों ने मणिपुर की घटना पर 72 दिन के बाद सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। यहां भी वे अपने कर्तव्य निर्वहन में विफल रहे।
उन्होंने ने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रयास से मणिपुर की हालत सामान्य हो रही है। मणिपुर में तेजी से शांति और व्यवस्था बहाल होते देखकर विपक्षियों को पच नही रहा है और ये उसे बिगाडने में लग गये है। देश जानता है कि इन विपक्षियों का इतिहास लोकतंत्र की हत्या और संविधान का अपमान करना है। इन्हें ना तो जनता की परवाह है न ही देश की परवाह है। अपने स्वार्थ और अहंकार की राजनीति में डुबे ये सभी लोग अपना-अपना एजेंडा लेकर चल रहे है, जो देश हित में नहीं है। देश की जनता ने पिछले 9 वर्षो में इनका दुकान बंद कर दिया है। इनको पता है कि देश की जनता इनको कभी स्वीकार नही करेगी इसीलिए ये टोली बनाकर चल रहे है। मणिपुर जाने वाली सांसदों की टीम में जदयु को ‘बी’ टीम में रखा गया है। जदयु के नेता प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे है लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इन्हें टीम ‘ए’ लायक भी नहीं समझा है। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष और एक राज्यसभा सदस्य टीम ‘बी’ में भेज दिये गये है।
सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार लाठी और गोली के बल पर सरकार चला रही है। कटिहार में पुलिस की गोली से मरे लोगों के बारे में भ्रामक प्रचार कर रही है। सरकार के इशारे पर कटिहार का प्रशासन अब नई-नई कहानी बनाकर कह रहा है कि जो दो लोग मारे गये है पुलिस के गोली से नही मरे है। यहां तीसरे आदमी की भी गोली लगने से मृत्यु हुई है। इसे किसने मारा पुलिस स्पष्ट नही कर रही है। प्रशासन का यह रवैया निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार सरकार को संज्ञान लेकर इसकी जाँच सी.बी.आई को देनी चाहिए।
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