इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने क्रिकेट के मैदान की तरह ही
राजनीतिक के मैदान में भी आखिरी बॉल पर ‘सिक्स’ लगाकर जीत हासिल की है.
रविवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से कुछ समय पहले नेशनल असेंबली के
डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
इस तरह इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो गए हैं.
विपक्ष अब कोर्ट का रुख करेगा. हालंकि तब तक इमरान खान कार्यकारी प्रधानमंत्री बने रहेंगे.
पाक पीएम के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग (No trust vote) होनी थी,
लेकिन डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
इसके बाद संसद की कार्यवाही स्थगित हो गई है.
बता दें कि प्रमुख सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने अपना समर्थन वापस ले लिया है.
जिसके बाद से नेशनल असेंबली में इमरान सरकार ने ‘बहुमत खो दिया’ है.
बता दें कि पाकिस्तान के 73 साल से अधिक लंबे इतिहास में उस पर आधे से ज्यादा समय तक शक्तिशाली सेना की हुकमूत रही है. पाकिस्तान में सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामलों में अब तक सेना का अच्छा-खासा दखल रहा है. मुल्क में जारी राजनीतिक संकट के बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कथित तौर पर इस हफ्ते प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की है.
‘विदेशी षड्यंत्र’ के खिलाफ ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ करें युवा- इमरान
इमरान खान ने शनिवार को देश के युवाओं से अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गए ‘विदेशी षड्यंत्र’ के खिलाफ ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ करें, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि वे पाकिस्तान सेना की आलोचना नहीं करें. खान ने सीधे प्रसारित किए गए प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान कहा कि उनके पास ‘नेशनल असेंबली’ में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर रविवार को होने वाले मतदान के लिए ‘एक से अधिक योजनाएं’ हैं. खान ने इसे देश के ‘भविष्य के लिए युद्ध’ करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान निर्णायक मोड़ पर खड़ा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की राजनीति एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गई है, जहां देश के लोगों को एक फैसला करना होगा.