पश्चिम चंपारण: विद्यालय में छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार और कई अन्य अनियमितताओं के विरोध में पश्चिम चंपारण में छात्र और उनके अभिभावकों का विरोध दूसरे दिन भी जारी रहा। छात्र एवं अभिभावक विद्यालय के प्रधान शिक्षक और सहायक शिक्षक पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं। मामला है पश्चिम चंपारण के लौरिया प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सौराहा की जहां छात्र और अभिभावक विद्यालय के प्रधान शिक्षक और सहायक शिक्षक पर छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार और पठन पाठन समेत मेनू के हिसाब से मध्याह्न भोजन में अनियमतता का आरोप लगा कर विरोध कर रहे हैं।
विरोध में अभिभावकों ने अपने बच्चों को दूसरे दिन भी विद्यालय पढ़ने के लिए नहीं भेजा। मामले की सूचना पर लौरिया के बीडीओ संजीव कुमार, अंचलाधिकारी नितेश कुमार सेठ मौके पहुंच कर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन घंटों समझाने के बावजूद ग्रामीण नहीं माने। इस संबंध में ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि विद्यालय के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन में डटे रहे। बीडीओ और सीओ ग्रामीणों की लिखित शिकायत पर मामले की जांच भी की और जांच के आधार पर कार्रवाई करने का आश्वासन भी ग्रामीणों को दिया लेकिन ग्रामीण तत्काल कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन की वजह से विद्यालय में पठन पाठन समेत मध्याह्न भोजन में व्यवधान रहा।
ग्रामीणों ने सीधे शब्दों में कार्रवाई नहीं होने तक विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है। मामले में प्रधानाध्यापक राजेश कुमार प्रसाद ने बताया कि गांव के दो आदमी राजनीति से प्रेरित हो कर ग्रामीणों को उकसा रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में छात्राओं के साथ गलत व्यवहार किया जाता है जिससे छात्राएं विद्यालय आने से कतराती हैं। मामले में छात्राओं ने भी कहा कि स्कूल के सर हमलोगों से एक सादा कागज पर हस्ताक्षर करवाए हैं। जो लोग हस्ताक्षर नहीं करना चाह रहे थे उनसे जबरदस्ती करवाया गया है।
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पश्चिम चंपारण से दीपक कुमार की रिपोर्ट
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