डिजीटल डेस्क : Parliament – उपराष्ट्रपति बोले – आरएसएस की आलोचना करना संविधान के खिलाफ। संसद के उच्च सदन राज्यसभा में बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आरएसएस के मसले पर कहा कि राष्ट्रीय कार्य में लगे संगठन की आलोचना करना संविधान के खिलाफ है। उसे देश की विकास यात्रा का हिस्सा बनने का अधिकार है। आरएसएस की साख बेदाग है और हर किसी को ऐसे किसी भी संगठन पर गर्व होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति बोले – आरएसएस की आलोचना करना संविधान को रौंदने जैसा
राज्यसभा में स्पीकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का खुलकर बचाव किया। कहा कि आरएसएस की आलोचना करना संविधान के खिलाफ है और जो सदस्य ऐसा कर रहे हैं, वो संविधान को रौंदने जैसा है। आरएसएस देश की सेवा करता है। इससे जुड़े लोग निःस्वार्थ भाव से काम करते हैं। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह जानकर खुशी होती है कि आरएसएस राष्ट्रीय कल्याण और हमारी संस्कृति के लिए योगदान दे रहा है। हर किसी को ऐसे किसी भी संगठन पर गर्व होना चाहिए।
संघ को लेकर सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने की थी टिप्पणी
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ये बातें समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन की उस टिप्पणी पर कहीं, जिसमें सांसद ने एनटीए के अध्यक्ष की नियुक्ति और उनके आरएसएस से जुड़े होने को लेकर सवाल उठाए थे। सुमन ने कहा था कि सरकार के लिए सिर्फ ये मायने रखता है कि पद पर बैठा व्यक्ति संघ से जुड़ा है या नहीं। उसी पर राज्यसभा के सभापति ने कहा कि इस टिप्पणी को रिकॉर्ड में नहीं आने देंगे। किसी को वह आरएसएस का नाम लेने की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने सांसद की टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटाने के लिए कहा। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विरोध किया और कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर जो सदस्य ने बोला है वो सही है। उनकी बात सदन के नियमों के खिलाफ नहीं है।
उपराष्ट्रपति बोले – खरगे को ठेस पहुंचाने वाला कोई भी शब्द रिकॉर्ड में नहीं रहेगा
एक अन्य मामले में राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भावुक हो गए। उन्होंने सभापति से अपने राजनीतिक जीवन के बारे में भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी की कुछ टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाने का आग्रह किया। इस पर सभापति ने आश्वासन दिया कि वो गौर करेंगे और खरगे को ठेस पहुंचाने वाला कोई भी शब्द रिकॉर्ड में नहीं रहेगा। 0आसन की अनुमति से अपनी बात रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तिवाड़ी ने उनके राजनीतिक सफर का जिक्र किया। कहा कि खरगे का पूरा परिवार राजनीति में था। उन्होंने परिवारवाद के बारे में एक टिप्पणी की है। वास्तव में परिवारवाद कहां है। इस टिप्पणी को हटाया जाना चाहिए। खरगे ने कहा कि वह अपने परिवार में पहली पीढ़ी के नेता हैं। उनके माता-पिता राजनीति में नहीं थे। वह लंबे समय तक इस माहौल में नहीं रहना चाहते। इस पर सभापति ने कहा कि तिवाड़ी ने मंगलवार को जब टिप्पणी की थी, तब वो आसन पर थे। उन्हें नहीं लगता कि भाजपा नेता का खरगे के लिए कुछ गलत मतलब था, फिर भी रिकॉर्ड की बारीकी से जांच करेंगे।