वाराणसी: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी 30 घंटे तक वाराणसी में हैं. उन्होंने दिन में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्रूज में सवार होकर गंगा आरती शामिल हुए हैं. क्रूज पर उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं. प्रधानमंत्री ने दशश्वमेध घाट पर हो रही गंगा आरती में हिस्सा लिया है. जहां गंगा के कुल 84 घाटों को दीपक से सजाया गया है. इसके अलावा गंगा घाट के तट पर स्थित सभी मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है. जिससे पुरा वाराणसी जगमगा रहा है.
इस महाआरती के दौरान जहां एक ओर ब्रह्मणों के मुख से मंत्रोचार की ध्वनि कानों में प्रवेश कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर डमरू सहित कई पारंपरिक वाद्य यंत्रें कानों को झंकृत कर रही हैं. शंख की आवाज से पूरा वातावरण गूंजायमान हो गया है. घाट पर हो रही आरती में अलग-अलग तरह के भव्य दीपक का इस्तेमाल किया जा रहा है. आरती के दौरान अलग-अलग तरह के गंधकों के प्रयोग से पूरा वातावरण सुगंधित हो गया है. ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई बड़े मंत्रियों का साथ होना, महज एक बेहतर संयोग को दर्शाता है.
गंगाघाट पर हो रही आरती की शोभा देखते ही बन रही है, जहां देश के प्रधानमंत्री सहित लाखों भारतीय नागरिक इस आयोजन में शामिल हुए हैं. गंगा की पावन धरती पर स्वर्ग से भी सुंदर नजारा देखने को मिल रहा है. जो कि इसके पहले कभी देखने को नहीं मिला. यह एक अकल्पनीय दृश्य है, जो भारतवर्ष में आज के दिन वाराणसी में दिख रहा है.
सबसे खास बात यह है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के दौरान भारत के प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण में लगे कारीगरों और मजदूरों पर पुष्पवर्षा की. पुष्पवर्षा के बाद कुर्सी के आसन को छोड़कर उनके साथ कारपेट पर बैठकर छायाचित्र खिंचवाया. बात यहीं तक खत्म नहीं हुई, मोदी ने उन 2500 मजदूरों के साथ बैठकर भोजन किया. जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए दिन-रात मेहनत की.
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज के दिन दोनों भूमिका में नजर आ रहे हैं, एक ओर वे भारत के जन-नायक की भूमिका में हैं, तो दूसरी ओर जन-सेवक की भी छवि उनमें स्पष्ट झलक रही है.
रिपोर्ट- डेस्क