22 जून से 14 दिनों के एकांतवास में जाएंगे प्रभु जगन्नाथ

22 जून से 14 दिनों के एकांतवास में जाएंगे प्रभु जगन्नाथ

रांची: 22 जून से 14 दिनों के एकांतवास में प्रभु जगन्नाथ जाएंगे,इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है । दुसरी तरफ सात जुलाई को जगन्नाथपुर, धुर्वा में भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी। इसकी तैयारी में मंदिर समिति जोर-शोर से लगी है। अक्षय तृतीया के दिन 10 मई से रथ मरम्मत का कार्य शुरू  है।

मरम्मत कार्य के लिए पुरी से 12 कुशल कारीगर आए हुए हैं। साथ में लोकल कारीगर भी लगे हैं। रथ की खराब हुईं लकड़ियों को बदलकर नई लकड़ियां लगाई जा रही हैं। रथ की अभूतपूर्व सजावट की जाएगी। इसके लिए पुरी से वस्त्र व अन्य सजावट के सामान मंगाए गए हैं।

रथ में लगाई जाने वाली घंटियां भी पुरी से मंगाई गई हैं। रथ के सभी चक्कों में स्टील के स्ट्रिप लगाए जाएंगे, ताकि रथ को जाने में कोई परेशानी न हो। पुरी की तर्ज पर ही रथ निर्माण किया जा रहा है। रंग-रोगन से लेकर साज-सजावट तक पुरी के रथ की तरह रहेगी।

5 जुलाई को रथ बनकर तैयार हो जाएगा। 6 जुलाई के दिन रथ को सजाया जाएगा। 7 जुलाई को दोपहर 2.10 बजे भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी। यम या रत्न सिहांसन, गज, द्वारपाल, अश्व आदि रथ में लगा दिए गए हैं।

पिछले वर्ष की तरह ही रथ 40 फीट ऊंचा और 22 फीट चौड़ा है। रथ को रंग-रोगन करने के लिए 22 जून को पुरी से 10 और कारीगर आएंगे।

प्रथम सेक्क ने बताया कि 22 जून को महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी, माता सुभद्रा और भाई बलभद्र स्वामी का 51-51 मिट्टी के बने कलश से औषधीय स्नान कराया जाएगा। इसके बाद महाप्रभु 14 दिनों के एकांतवास में चले जाएंगे।

मान्यता है कि महाप्रभु इस स्नान के बाद बीमार पड़ जाते हैं। इस कारण आम श्रद्धालुओं के लिए महाप्रभु का दर्शन नहीं हो पाता है। महाप्रभु 6 जुलाई को नेत्र उत्सव के साथ आम श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए दर्शन मंडप में पधारेंगे।

 

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