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डिजिटल डेस्क : यमुना को दिल्ली में साबरमती की तर्ज पर संवारने की है तैयारी। यमुना को दिल्ली मौजूदा सीएम रेखा गुप्ता केवल एक नदी नहीं मानतीं और इसी क्रम में अब यमुना को साफ करने एवं संवारने की तैयारी है।
बताया जा रहा है कि मौजूदा दिल्ली सरकार ने इसे गुजरात के साबरमती के तर्ज पर संवारने की तैयारी की है। बीते मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में सीएम रेखा गुप्ता ने बजट पेश करने के क्रम में इस बात के खुलकर के संकेत किए और बहुत कुछ बताया भी।
राजधानी दिल्ली में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने 26 साल के बाद बजट पेश किया तो उसमें यमुना पर विशेष फोकस दिखा। सीएम रेखा गुप्ता ने यमुना की सफाई और पुनरुद्धार, उसमें नालों के गंदे पानी को गिरने से रोकने और नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने समेत एक व्यापक योजना पेश की।
स्पष्ट किया कि दिल्ली में यमुना का विकास अहमदाबाद में साबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर किया जाएगा।
चुनाव में यमुना की सफाई था सबसे बड़ा मुद्दा
बीते चुनाव में दिल्ली में सबसे बड़ा मुद्दा यमुना की सफाई का था। पूरे दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान यमुना की सफाई ही प्रमुख चुनावी मुद्दा बना रहा। प्रधानमंत्री ने इसे निर्मल व अविरल करने, साबरमती रिवर फ्रंट की तरह इसके तट को विकसित करने और इसे दिल्ली की पहचान बनाने का वादा किया था।
भाजपा के चुनाव संकल्प पत्र में भी यमुना को स्वच्छ करने का संकल्प था। भाजपा सरकार की सरकार बनने के साथ ही इस संकल्प को पूरा करने के लिए यमुना की सफाई शुरू हो गई है।
बजट में भी इसे लेकर बड़ी घोषणा की गई है। सरकार साबरमती की तर्ज पर यमुना को संवारेगी। नदी में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण नालों व सीवर का पानी गिरना है।
इसके समाधान के लिए 40 विकेंद्रीकृत सीवेज उपचार संयंत्रों (डीएसटीपी) बनाने और चालू सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) के उन्नयन की घोषणा की गई है।

1500 करोड़ रुपये से होगा यमुना का विकास
बजट भाषण में यमुना पर यह बोलीं दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता…
दिल्ली की विधानसभा में बीते मंगलवार को पेश बजट में भी इसे लेकर बड़ी घोषणा की गई है। नदी में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण नालों व सीवर का पानी गिरना है। इसके समाधान के लिए 40 विकेंद्रीकृत सीवेज उपचार संयंत्रों (डीएसटीपी) बनाने और चालू सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) के उन्नयन की घोषणा की गई है।
इसे सुनिश्चित करने के डीएसटीपी बनेंगे। इससे सीवेज को उसके स्रोत पर ही उपचार किया जा सके। अभी दिल्ली में 38 एसटीपी हैं। इसमें से आधे से अधिक अपनी क्षमता व मानक के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं।
इनका उन्नयन कर क्षमता व गुणवत्ता बढ़ाई जाएगी। इनकी मरम्मत व देखरेख पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए पर्याप्त धन आवंटित किया गया है। सीवर प्रणाली सही नहीं होने के कारण भी यमुना प्रदूषित हो रही है।
बरसाती नालों के माध्यम से सीवेज नदी में पहुंच रहा है। इसके समाधान के लिए नए क्षेत्रों में सीवर लाइन बिछाने के साथ ही पुरानी सीवर लाइन बदलने, सीवर लाइन व यमुना की सफाई के लिए आधुनिक मशीन व अन्य उपकरण खरीदने की घोषणा की गई है।
कई नाले का गंदा पानी सीधे यमुना में गिरता है। इन नालों के गंदा पानी को मोड़कर एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा जिससे कि उसे शोधित किया जा सके। नजफगढ़ नाला से यमुना में सबसे अधिक प्रदूषण होता है। इसके समाधान के लिए भी काम होगा।

अपने बजट भाषण में दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा था कि –‘…यमुना सिर्फ एक नदी नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत है। …यमुना की सफाई हमारे संकल्प पत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस बजट में भी यह सर्वोच्च प्राथमिकता है।
…यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यमुना में नाले का गंदा पानी न गिरे। राजधानी में जल और सीवेज बुनियादी ढांचे को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए केंद्र से 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का अनुरोध किया है।
…इससे पानी आपूर्ति सुधारने, शहर में स्वच्छता को बेहत करने के साथ ही यमुना को साफ करने में मदद मिलेगा।
…दिल्ली एक ऐसा शहर है जिसको सबने लूटा। …दिल्ली ने बार-बार ख़ुद को मिटते और संवरते देखा। …दिल्ली अपने घाव भुलाकर फिर से उठ खड़ी हुई है। ‘