डिजीटल डेस्क : Press Conference में चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सोमवार को बोले कि 4 जून की सुबह से शुरू होने वाली मतगणना घड़ी की सटीकता जैसी होगी। संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत है। मतगणना और अन्य चुनाव प्रक्रिया के लिए एक बहुत मजबूत प्रणाली है। हर भाग तय है। मतगणना प्रक्रिया संहिताबद्ध है। यह घड़ी की सटीकता के समान काम करती है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होगी। उसके आधे घंटे बाद ही हम ईवीएम की गिनती शुरू कर देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है। सिस्टम में कोई समस्या नहीं हो सकती। मानवीय त्रुटि किसी से भी हो सकती है। हम उससे निपटेंगे।
विपक्ष की ओर से बैलेट पेपर की गिनती पर की गई मांग को स्वीकार करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हर चुनाव में बैलेट पेपर की गिनती पहले शुरू होती है। इस बार फिर बैलेट पेपर की गिनती पहले शुरू की जाएगी, जो आधे घंटे बाद ईवीएम की गिनती के साथ चलती रहेगी। ईसीआई राजीव कुमार ने कहा कि हमारे ऊपर 1 करोड़ वोटर बढ़ाने का आरोप लगाया गया, जो कि झूठ है। यह मत प्रतिशत का बढ़ना पूरी प्रक्रिया का हिस्सा होती है।
कांग्रेस नेता को चुनाव आयुक्त की फटकार- ‘अफवाह फैलाना सही नहीं…सजा मिलेगी’
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के उस आरोप पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को होने वाली मतगणना से पहले जिला अधिकारियों को कॉल किए और उन्हें धमकाया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अफवाह फैलाना और हर किसी पर संदेह करना सही नहीं है। क्या कोई उन सभी को (जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग अधिकारी प्रभावित कर सकता है? क्या कोई 500-600 लोगों को प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया। हम उस व्यक्ति को दंडित करेंगे जिसने ऐसा किया। उन्हें वोटों की गिनती से पहले विवरण बताना चाहिए। चुनाव आयुक्त ने कहा कि किसी भी अधिकारी ने किसी भी तरह के “अनुचित दबाव” बनाए जाने की सूचना नहीं दी है। आयोग ने कांग्रेस नेता रमेश से आज शाम 7 बजे तक अपने आरोप के समर्थन में विवरण मांगा है, ताकि कार्रवाई की जा सके।
लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान का बना वैश्विक रिकार्ड
देश के चुनावी इतिहास में पहली बार मतगणना से ऐन एक दिन पहले सोमवार को केंद्रीय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव कर्मियों के सावधानीपूर्वक और सतर्कतापूर्वक किए गए काम की वजह से हमने कम पुनर्मतदान सुनिश्चित किए। हमने 2019 में 540 के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में 39 पुनर्मतदान देखे। इसमें भी 39 में से 25 पुनर्मतदान तो सिर्फ दो राज्यों में हुए। लोकसभा चुनाव के सात चरणों के मतदान के बाद 4 जून यानी कल मतगणना होगी। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाग लेने वाले सभी मतदाताओं का खड़े होकर अभिनंदन किया। मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ वैश्विक रिकॉर्ड बनाया। यह सभी जी7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और यूरोपीय संघ के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है। इसमें 31.20 करोड़ महिला वोटरों की भी अहम हिस्सेदारी रही। जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ, कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान हुआ।
चुनाव आयुक्त बोले- इतनी गर्मी में चुनाव नहीं कराना चाहिए था, हमसे गलती हुई
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि हमने इस चुनाव से तीन सबक लिए हैं। पहला कि हमें एक महीने में ही पूरी चुनावी प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहिए था। इतने गर्मी में चुनाव नहीं कराना चाहिए था। हमसे गलती हुई। दूसरा कि हम अपने खिलाफ चले फेक (झूठे) नेरेटिव को रोक नहीं पाए, यह भी हमारी चूक है। तीसरा कि हमने सोचा था कि विदेश से बैठे लोग चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन विदेश से न होकर देश में बैठे लोगों ने प्रभावित करने की नाकाम कोशिश की। उन्होंने इसी क्रम में आगे कहा कि सोमवार और शुक्रवार को मतदान नहीं कराया जाना चाहिए, क्योंकि इन दिनों के बीच काफी लंबा अंतर हो जाता है। शुक्रवार और सोमवार की बात बिल्कुल सही है। यह भी हमारे लिए सीखने वाली बात है। चुनाव गर्मी से पहले होने चाहिए। मतदान सोमवार और शुक्रवार को नहीं कराए जाने चाहिए। हमने विधानसभा चुनावों में ऐसा ही किया था, लेकिन यह इतनी बड़ी प्रक्रिया है कि हम इस बार इसे नहीं कर पाए। चुनाव आयुक्त ने इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों, परीक्षाएं और सुरक्षा बलों के मूवमेंट को जिम्मेदार ठहराया।
चुनाव आयुक्त बोले – दो साल से की तैयारी तो इस आम चुनाव में हिंसा नहीं देखी गई
सीईसी राजीव कुमार ने यह भी कहा कि उन्होंने कहा कि यह उन आम चुनावों में से एक है, जिसमें हमने हिंसा नहीं देखी। यह हमारी दो साल की तैयारी का परिणाम है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अगर पोस्ट पोल हिंसा कहीं भी होती है तो इसके लिए हमने पहली बार निर्णय लिया है कि चुनाव के बाद भी कुछ राज्यों में पैरामिलिट्री फोर्स रहेगी। दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल, 1.5 करोड़ पोलिंग एवं सुरक्षाकर्मी शामिल थे। इस बार लोकसभा चुनाव कराने में करीब चार लाख वाहन, 135 विशेष ट्रेनें और 1,692 हवाई उड़ानों का इस्तेमाल किया गया।
चुनाव के दौरान 10 हजार करोड़ जब्त हुए, आचार संहिता के चलते नहीं रुका कोई विकास कार्य
चुनाव आयुक्त ने बताया कि वर्ष 2024 के आम चुनावों के दौरान नकदी, मुफ्त उपहार, ड्रग्स और शराब सहित 10,000 करोड़ रुपये की जब्ती की गई। 2019 में यह आंकड़ा 3,500 करोड़ रुपये था। आम चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की 495 शिकायतों में से 90 प्रतिशत से अधिक का निपटारा किया गया। चुनाव प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए चुनाव आयोग ने शीर्ष नेताओं को नोटिस जारी किए, कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और शीर्ष अधिकारियों का तबादला किया गया। आचार संहिता के दौरान पहले सभी विकास कार्य रुक जाते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। चुनाव आयोग ने 95-98 प्रतिशत परियोजनाओं में आवेदन के 48 घंटे के भीतर अनुमति दी। यह शायद पहली बार है, जब आयोग ने चुनाव खत्म होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। 19 अप्रैल को शुरू हुए सात चरणों का चुनाव एक जून को खत्म हुआ। 2019 के संसदीय चुनावों तक उप चुनाव आयुक्त प्रत्येक चरण के मतदान के बाद मीडिया ब्रीफिंग करते थे, लेकिन उसके बाद यह प्रथा खत्म कर दी गई थी।