धनबाद : भाषा विवाद पर बोले राज सिन्हा- हेमंत सरकार को चुकानी पड़ेगी कीमत- भोजपुरी, मगही,
मैथिली और अंगिका भाषा लोगों का पिछले 100 सालों से झारखंड की रत्नगर्भा धरती को सवांरने,
इसके विकास में किसी भी झारखंड आंदोलन कारी से कम योगदान नहीं रहा है.
किसी ने मांगा नहीं था फिर भी आपने इन भाषाओं को
स्थानीय भाषा के रूप में धनबाद और बोकारो में शामिल किया.
और बाद में इसे वापस ले लिया गया. इस अपमान का बदला सरकार को चुकानी पड़ेगी. जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी. यह बातें धनबाद विधायक राज सिन्हा ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कही. यह बाते उन्होंने उस वक्त कहीं जब भोजपुरी, मैथिली, अंगिका, मगही संस्कृति बचाओ मंच के द्वारा उनके आवास का घेराव किया जा रहा था. उन्होंने कांग्रेस के विधायकों से भी अपील की कि अपने वोटरों की बढ़ रही नाराजगी को समझे और सरकार से नाता तोड़ें.
राज सिन्हा के आवास का घेराव सौंपा ज्ञापन
इससे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मगही, भोजपुरी, मैथिली, संस्कृति बचाओ मंच के बैनर तले धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा के आवास का घेराव किया व उन्हें ज्ञापन सौंपा. इस कार्यक्रम में सैकड़ों महिला और पुरुष शामिल थे. यह कार्यक्रम धनबाद और बोकारो जिले से मगही, भोजपुरी, अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा से हटाए जाने के विरोध में किया, और वर्तमान सरकार पर जमकर निशाना साधा.
रिपोर्ट: राजकुमार जायसवाल