रांची की महिला डॉक्टर से फर्जी ED अधिकारी बनकर 10 लाख की ठगी करने वाला आरोपी नोएडा से गिरफ्तार। साइबर थाना रांची ने आरोपी को ट्रेस कर पकड़ा।
रांची : रांची की एक महिला डॉक्टर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के नाम पर धमकाकर 10 लाख रुपए की ठगी करने वाला आरोपी आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया। साइबर क्राइम थाना रांची की टीम ने नोएडा पुलिस के सहयोग से मुख्य आरोपी विकास कुमार, निवासी सेक्टर-63 नोएडा (उत्तर प्रदेश), को गिरफ्तार किया है।
Ranchi ED Scam Case:
जानकारी के अनुसार, आरोपी ने खुद को ईडी अधिकारी बताते हुए महिला डॉक्टर को कॉल किया और कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है। इसके बाद डर दिखाकर उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया गया यानी वीडियो कॉल पर निगरानी में रखकर धमकाया गया कि वे कहीं नहीं जा सकतीं। इस मनोवैज्ञानिक दबाव में आकर डॉक्टर ने अपने यूनियन बैंक खाते से RTGS के जरिए 10 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
Key Highlights:
रांची की महिला डॉक्टर से 10 लाख रुपए की साइबर ठगी का आरोपी नोएडा से गिरफ्तार।
आरोपी विकास कुमार खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) अधिकारी बताकर डॉक्टर को धमका रहा था।
पीड़िता ने 22 अगस्त को रांची साइबर क्राइम थाना में FIR दर्ज कराई थी।
आरोपी ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर डॉक्टर को डराकर यूनियन बैंक खाते से RTGS द्वारा पैसे ट्रांसफर करवाए।
पुलिस ने आरोपी के पास से मोबाइल, बैंक खाता डिटेल्स और WhatsApp चैट जब्त किए।
आरोपी के खिलाफ नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर पहले से 10 शिकायतें दर्ज।
पीड़िता ने 22 अगस्त को साइबर क्राइम थाना, रांची में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने डिजिटल साक्ष्यों बैंक ट्रांजैक्शन, मोबाइल लोकेशन और चैट रिकॉर्ड — के आधार पर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि आरोपी विकास कुमार कई राज्यों में सक्रिय गिरोह का हिस्सा है, जो सरकारी एजेंसी के नाम पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम चला रहे थे।
Ranchi ED Scam Case:
पुलिस ने आरोपी के पास से कई बैंक खाते, मोबाइल फोन और WhatsApp चैट बरामद किए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि उसके खिलाफ नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर 10 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं।
रांची साइबर थाना की टीम ने इसे एक बड़े फर्जी नेटवर्क का खुलासा बताया है, जो आम नागरिकों को सरकारी एजेंसी के नाम पर डरा धमका कर रकम वसूलते थे।
साइबर अपराधियों से बचने के लिए पुलिस की अपील:
कोई भी व्यक्ति अगर खुद को सरकारी एजेंसी (जैसे ED, CBI आदि) का अधिकारी बताकर पैसे मांगे तो उसकी बातों पर भरोसा न करें।
किसी भी जांच एजेंसी द्वारा ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई प्रक्रिया नहीं होती।
डर या दबाव में आकर किसी अनजान खाते में पैसे ट्रांसफर न करें।
किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दर्ज करें।
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