रांची: विश्राम गृह की शुरूआत राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल, राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स), के मरीजों और उनके परिजनों के लिए बड़ी खुशखबरी है।
अब उन्हें रात बिताने के लिए ना तो खुले आसमान में रहना पड़ेगा और ना ही निजी होटल में रहने के लिए पैसे खर्च करना होगा।
आने वाले कुछ ही दिनों में, एनटीपीसी और ऊर्जा विभाग के सहयोग से एक विश्राम गृह की शुरुआत हो जाएगी। इस विश्राम गृह के माध्यम से, रिम्स में आने वाले मरीजों के परिजनों को एक उच्च गुणवत्ता वाली छत की सुविधा प्रदान की जाएगी, जहां उन्हें बिलकुल मुफ्त में रात बिताने का आनंद मिलेगा।
यह विश्राम गृह रिम्स में 308 बेड के साथ तैयार हो रहा है, जिससे लोगों को निजी होटलों में रहने के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी।
वर्तमान में, अस्पताल में रात बिताने पड़ने वाले मरीज और उनके परिजनों को हजारों रुपये के खर्च से होटल में ठहरना पड़ता है।
इसके बजाय, वे अपने परिजनों के घर में रात बिताने के लिए मजबूर हो जाते हैं। हालांकि, रिम्स के पुराने रेन बसेरे की स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए, अधिकांश लोग खुले आसमान में रात बिताने को उचित समझते हैं।
रिम्स के उपाधीक्षक, डॉक्टर शैलेश त्रिपाठी, बता रहे हैं कि विश्राम गृह को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो रही है और जल्द ही पूरा हो जाएगी। इससे आने वाले रिम्स के मरीजों को सुविधा मिलेगी।
विश्राम गृह 15 जुलाई से शुरू हो रहा है, और इसे एनटीपीसी सीएसआर फंड से गरीब परिवारों के लिए निर्मित किया जा रहा है, जिसकी लागत 20 करोड़ रुपये है। विश्राम गृह भवन रिम्स में पूरी तरह से तैयार है।