एसके राजीव
पटना : बिहार विधानसभा में बहुमत परीक्षण को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) टूट गई। राजद के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव ने पाला बदल लिया। नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है। जिसने तेजस्वी के पार्टी नेतृत्व पर एक बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है।
बिहार की राजनीति में जो उठापटक देखने को मिला। लालू यादव, राजद और तेजस्वी यादव के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है। दरअसल, में तेजस्वी ने नई सरकार बनने के साथ ही बिहार में खेला होने का दावा कर दिया था और खेला खेलने की तैयारी में जुट भी गये थे। लेकिन 24 घंटे तक जिन 79 विधायकों को लालू और तेजस्वी अपने घर मेहमान बनाकर मेहमाननवाजी में जुटे रहे। वहीं विधायक नीतीश की सरकार बनाने में एनडीए के कर्णधार बने। अब जरा सुनिए इसे लेकर बागी बने चेतन आनंद ने क्या कुछ कहा है।
बता दें कि राजद के विधायक नीलम देवी, चेतन आनंद और प्रह्लाद यादव ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान एन वक्त पर अपनी उपस्थिति सत्ता पक्ष की तरफ दर्ज कराकर राजद सहित सत्ता पक्ष को भी चौंका दिया था। सरकार को भी विश्वासमत हासिल करवा कर खेला कर दिया। अब राजद इसे लेकर चिंतन की बात करती है।
विधायक प्रह्लाद यादव लखिसराय के सूर्यगझा से राजद विधायक हैं। राजद की स्थापना करने में उनकी बड़ी भूमिका रही है। वहीं नीसम देवी बाहुवली अनंत सिंह की पत्नी है और ललन सिंह के विरोध की वजह से नीतीश का साथ छोड़ लालू के साथ हो लिए थे। जबकि चेतन आनंद पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन के बेटे हैं। जिन्हें नीतीश ने अभी कानून बनाकर जेल से बाहर निकाला है। जाहिर है इनकी बफादारी राजद के प्रति कम और नीतीश के प्रति ज्यादा थी जिसे समय आने पर इन्होंने दिखा भी दिया। अब जदयू राजद को निशाने पर लेती है।
बिहार की राजनीति पल पल बदलती रही। राजद इस मुगालफत में रही की शायद फ्लोर टेस्ट में तेजस्वी अपनी खुद की सरकार बना लेंगे। लेकिन जिस तरह से राजद के तीन विधायकों ने अपना पाला बदला। उसने यह जरुर बतादिया है कि राजद के प्रति विधायकों का असंतोष बढ़ रहा है। अगर अभी भी लालू इसेकम नहीं करते तो आने वाले दिनों में लालू और राजद को और बड़ा नुकसान हो सकता है।