रांची: दिशोम गुरु शिबू सोरेन को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए बिहार के पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को झारखंड के नेमरा गांव पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने गुरुजी के व्यक्तित्व और उनके संघर्षपूर्ण जीवन को याद करते हुए उन्हें भारत रत्न देने की मांग की।
पप्पू यादव ने कहा,
“शिबू सोरेन केवल झारखंड ही नहीं, पूरे देश के वंचितों, आदिवासियों और दलितों की आवाज थे। जब झारखंड के गठन का विरोध हो रहा था, तब गुरुजी ने हमारे जैसे लोगों की सोच बदली। उन्होंने बताया कि यह राज्य क्यों जरूरी है।”
उन्होंने भावुक होते हुए कहा,
“गुरुजी का जीवन दर्शन मानवता और सच्चाई के लिए समर्पित था। वे ना कभी झुके, ना थके और ना ही डरे – हमेशा झारखंड और उसके लोगों के हक के लिए लड़ते रहे।”
पप्पू यादव ने यह भी बताया कि जब झारखंड आंदोलन चल रहा था, उस वक्त कई बार उनकी मुलाकात गुरुजी से हुई थी।
“हम जेल में साथ रहे। उनकी सादगी, दृढ़ता और नारियल जैसे व्यक्तित्व – बाहर से कठोर, अंदर से बेहद संवेदनशील – ने मुझे बहुत प्रभावित किया। वे सच में लोहे के पुरुष थे।”
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन में भी गुरुजी की छवि झलकती है।
“गुरुजी ने एक और लोह पुरुष को जन्म दिया है – हेमंत सोरेन। वे उनके अधूरे सपनों को पूरा करेंगे और झारखंड की सच्ची आवाज बनकर उभरेंगे।”
भारत रत्न की मांग
पप्पू यादव ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा,
“भगवान बिरसा मुंडा और डॉ. अंबेडकर के बाद अगर किसी आदिवासी नेता ने करोड़ों वंचितों की लड़ाई लड़ी है तो वह दिशोम गुरु शिबू सोरेन हैं। मैं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगा कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।”
उन्होंने लालू प्रसाद यादव और शिबू सोरेन के बीच संसद में हुई बहस का भी जिक्र किया और कहा –
“गुरुजी ने हर मंच पर झारखंड की आवाज बुलंद की, यहां तक कि लालू जी भी उन्हें मना नहीं कर पाए।”
नेमरा में भारी भीड़ के बीच पप्पू यादव की यह बात हर किसी के दिल को छू गई। समर्थकों ने भारत रत्न की मांग के समर्थन में नारे भी लगाए।
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