Ranchi Desk : गुमला जिला अंतर्गत सिसई विधानसभा क्षेत्र आता है। यह सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है। इस सीट पर वर्तमान में जेएमएम के जिग्गा सुसासन होरो विधायक हैं। अगर इस सीट की बात करें तो यहां हमेशा बदलाव आता रहा है। कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस तो कभी जेएमएम सत्ता में काबिज रही है।
2019 में विधानसभा अध्यक्ष को मिली थी बड़ी हार
2019 में हुए चुनाव में जेएमएम के जिग्गा सुसारन होरो ने एकतरफा मुकाबले में उस समय के विधानसभा अध्यक्ष रहे डॉ दिनेश उरांव को 38418 वोटों से हरा कर विधानसभा की सीढ़ियां चढ़े थे। उस समय दिनेश उरांव झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके थे। उस समय वह बीजेपी की सबसे बड़ी हार में से एक था।
वहीं अगर बात करें 2014 विधानसभा चुनाव की तो उस चुनाव में फिर एक बार बीजेपी से दिनेश उरांव तो वहीं जेएमएम से जिग्गा सुसारन होनो मैदान में थे। इस बार बाजी बीजेपी के दिनेश उरांव ने मार लिया और जेएमएम प्रत्याशी को 2593 वोटों से हराकर विधायक बने थे। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गीताश्री उरांव को तीसरा स्थान मिला था।
कांग्रेस की गीताश्री उरांव भी हो सकती है मैदान में
वहीं अगर बात करें 2009 में हुए विधानसभा चुनाव को इस बार बाजी कांग्रेस की गीताश्री उरांव ने मार लिया। गीताश्री उरांव ने एकतरफा मुकाबले में बीजेपी के समीर उरांव को 14941 वोटों से हरा दिया था। इस चुनाव में गीताश्री उरांव को कुल 39260 वोट मिले थे वहीं बीजेपी के समीर उरांव को 24319 वोट मिले थे।
2005 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी समीर उरांव ने बेहद करीबी चले मुकाबले में कांग्रेस के शशिकान्त भगत को मात्र 643 वोटों से हराया था। इस चुनाव में समीर उरांव को 34217 वोट मिले थे वहीं शशिकान्त भगत को 33574 वोट मिले और सिर्फ 644 वोटों से जीत से महरुफ रह गए।
Sisai Assembly Seat : क्या इस बार कमल खिला पाएंगे अरुण उरांव
इस बार जो समीकरण बन रहे हैं उसके मुताबिक इस बार भी जेएमएम का पलड़ा भारी लग रहा है। जेएमएम ने इस बार वर्तमान विधायक जिग्गा सुसारन होनो को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने इस बार प्रत्याशी में बदलाव करते हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे डॉ अरुण उरांव को टिकट दिया है।
इस बार दोनों के बीच कड़ी टक्कर मिलने के आसार है। चूंकि सिसई विधानसभा सीट में अनुसूचित जनजाति की संख्या सबसे ज्यादा है इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी जेएमएम बाजी मार ले जाएगी।