रांची : 1932 का खतियान,भाषा और स्थानीय नीति की मांग को लेकर आंदलनकारियों का पिछले 6 दिनों से चल रहा आमरण अनशन खत्म हो गया है. विधायक लोबिन हेम्ब्रम, मथुरा महतो, लंबोदर महतो और पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव धरना स्थल पर पहुंचे और नारियल पानी पिला कर आंदोलनकारियों का अनशन तुड़वाया. विधायकों ने मुख्यमंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया जिसके बाद आंदोलनकारी अनशन तोड़ने पर राजी हो गए.
मुख्यमंत्री से मिलवाने का मिला आश्वासन
अपनी मांगों को लेकर कई आंदोलनकारी धनबाद से पदयात्रा कर रांची पहुंचे थे. पिछले 13 दिनों से राजभवन के पास ये लोग धरने पर बैठे हैं. पिछले 6 दिनों से इन लोगों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था. अनशन खत्म कराने के बाद आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर आंदोलन हो रहा है उन सभी विषयों पर शीघ्र ही मुख्यमंत्री के साथ त्रिपक्षीय वार्ता होगी.
इसमें लोबिन हेम्ब्रम, मथुरा महतो और लंबोदर महतो शामिल होंगे. इस आश्वासन के बाद आंदोलनकारी आमरण अनशन तोड़ने को राजी हुए. सभी विधायकों ने आंदोलनकारियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि वो लगातार इस मुद्दे को विधानसभा और सरकार के सामने उठा रहे हैं. इससे पहले भी अलग-अलग पार्टियों के कई विधायक और नेता धरनास्थल पर पहुंच कर आंदोलनकारियों को समर्थन देते रहे.
राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 1932 का खतियान लागू करने, बाहरी भाषाओं को हटाने और स्थानीय नीति घोषित करने की मांग उठ रही है. इसको लेकर लगातार आंदोलन भी चल रहा है. इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी काफी गरमाई हुई है. राजनीतिक हलकों से भी आंदोलन को समर्थन मिल रहा है. हालांकि इस मुद्दे को लेकर सरकार और गठबंधन के बीच मतभेद भी सामने आए हैं. वही विपक्ष इसे हेमंत सोरेन सरकार की सोची-समझी चाल बता रही है. विपक्ष का आरोप है कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पाज्य सरकार ने ही इल विवाद को हवा दी है.
रिपोर्ट : करिश्मा सिन्हा