पटना: ‘70वीं BPSC की परीक्षा आगामी 13 दिसंबर को आयोजित की जानी है। परीक्षा के लिए बीपीएससी एक तरफ एडमिट कार्ड जारी करने की तैयारी में है तो दूसरी तरफ छात्र बीपीएससी के विरुद्ध प्रदर्शन करने की तैयारी पूरी कर चुके हैं। छात्र 6 दिसंबर को बीपीएससी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। मामले में विपक्षी दल राजद भी छात्रों के साथ खड़ा दिखाई दे रही है। छात्रों का आरोप है कि बीपीएससी शिक्षा और परीक्षा माफियाओं के इशारे पर काम कर रही है।
छात्रों का कहना है कि सबसे पहले परीक्षा के लिए फॉर्म भरने के दौरान बीपीएससी के पोर्टल का सर्वर खराब हो जाता है जिसकी वजह से हजारों छात्र फॉर्म भरने से वंचित हो गए और उनके वर्षों की मेहनत पर पानी फिर गई तो दूसरी तरफ बीपीएससी पूरी परीक्षा पद्धति साफ नहीं कर रही है। इससे छात्रों में उहापोह की स्थिति है। वहीं अब बीपीएससी नॉर्मलाईजेशन की बात कह रही है जो कि बिल्कुल ही स्वीकार्य नहीं है। छात्रों का कहना है कि सबसे पहले बीपीएससी पूरी परीक्षा पद्धति की जानकारी सार्वजनिक करे और फिर परीक्षा आयोजित की जाये।
बीपीएससी के विरुद्ध प्रदर्शन के मामले में हमारे संवाददाता महीप राज ने छात्रों से बात की। छात्रों ने कहा कि हमारी मांग है कि बीपीएससी एक दिन में पूरी परीक्षा ले। साथ ही नॉर्मलाईजेशन खत्म करे। छात्रों ने कहा कि छात्रों से बात किये बगैर आयोग किस आधार पर यह तय करेगी कि प्रश्न भारी है या हल्का।
छात्रों ने सीधे सीधे कोचिंग और शिक्षा माफियाओं पर इशारा करते हुए कहा कि इनके दबाव में बीपीएससी काम कर रही है। छात्रों ने कहा कि बीपीएससी नॉर्मलाईजेशन के नाम पर धांधली का एक तरीका अपना रही है। छात्रों ने कहा इससे पहले जो बीपीएससी की परीक्षाएं आयोजित की गई तो अब नियम में बदलाव क्यों किया जा रहा है। बीपीएससी ने 15 नवंबर को एक बैठक की बात कही थी लेकिन वह बैठक नहीं की गई।
क्या है नॉर्मलाईजेशन
छात्रों ने बताया कि नॉर्मलाईजेशन एक प्रक्रिया है जिसके तहत बीपीएससी अपनी इक्शानुसार एक प्रक्रिया अपनाते हुए छात्रों को एक समान अंक देने की कोशिश करेगी। इसके तहत अगर किसी एक पाली में छात्रों को कम अंक मिल रहा है या छात्र कम प्रश्नों को अटेम्प्ट कर रहे हैं तो योग आयोग उसे भारी प्रश्न मानेगी और अगर किसी पाली में अधिक अंक प्राप्त हो रहे हैं तो वह हल्का प्रश्न माना जायेगा और इसके आधार पर आयोग छात्रों को कुछ अंक देगी।
छात्रों का आरोप है कि इस प्रक्रिया के तहत जिस छात्र का अधिक नंबर है उसका कम किया जा सकता है और जिसका कम अंक है उसका मनमाने ढंग से बढ़ाया जा सकता है और इसमें कई छात्रों के साथ अन्याय संभव है।
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पटना से महीप राज की रिपोर्ट
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