खगड़िया : खगड़िया जिला अंतर्गत गौछारी स्टेशन और महेशखूंट स्टेशन बीच पटरी पर मेंटेनेंस का काम चल रहा था। इसी बीच अचानक लोहित एक्सप्रेस के आने से दो मजदूर की कटकर मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल बताये जा रहे हैं। जिसे बेहतर इलाज के लिए खगड़िया भेजा गया है। इस मामले में ठेकेदार की बड़ी गलती सामने आई है.
जानकारी के मुताबिक, आज और कल रेलवे अपने कार्य के लिए पेटी कांट्रेक्टर पर रेलवे का कार्य ठेकेदार के द्वारा करवाती है।गौछारी और महेशखूंट के बीच मेंटेनेंस का कार्य गौछारी के ही ठेकेदार जनार्दन चौरसिया को मिला हुआ है। उसी के तत्वावधान में मजदूर कार्य कर रहे थे। जिसमें झंझरा के ही मुकेश कुमार पिता वीरेंद्र चौरसिया, अर्जुन शर्मा पिता राशो शर्मा और शुधो शर्मा पिता उमी शर्मा गौछारी और महेशखूंट के बीच किलोमीटर पिलर संख्या-101 के पास ट्रैक की मरम्मती कर रहे थे। जिस ट्रैक की मरम्मती ये कर रहे थे उसी ट्रैक पर लोहित एक्सप्रेस आ गई। जिसमें मुकेश कुमार और अर्जुन शर्मा ट्रेन के बीचो बीच आ गए। जिसमें दोनों की कटकर मौत हो गई और राशो शर्मा बुरी तरह घायल हो गए। जिसे बेहतर इलाज के लिए खगड़िया भेज दिया गया।
दो मजदूरों की ट्रेन से कटकर मौत
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह बरौनी-कटिहार रेलखंड के महेशखूंट के खटहा रेलवे ढाला के पास ट्रैक पर तीन मजदूर काम कर रहे थे। इसी दौरान सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर सामने से लोहित एक्सप्रेस ट्रेन आ गई। रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे मजदूर कुछ समझ पाते सामने से आ रही लोहित एक्सप्रेस से कटकर दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक मजदूर घायल है। जिसे खगड़िया के अस्पताल में भर्ती कराया कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बताई जाती है।
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खगड़िया में रेलवे ट्रैक पर हादसा
घटना के बाद आसपास के गांव के लोग मौके पर जुट गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक, तीनों मजदूर पास के ही गांव के रहने वाले थे। घटना की सूचना मिलने के बाद आरपीएफ और जीआरपी की टीम भी मौके पर पहुंच गई। फिलहाल रेल पुलिस दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच में जुट गई है। मृतकों की पहचान झंझरा निवासी मुकेश कुमार और अर्जुन शर्मा के रूप में हुई है। इस हादसे में राशो शर्मा घायल हो गए। जिसे बेहतर इलाज के लिए खगड़िया भेज दिया गया।
ठेकेदार की लापरवाही!
आपको बता दें कि जीआरपी के इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने बताया कि जब किसी ट्रैक की मरम्मती की जाती है तो इसके लिए विभाग से उस ट्रैक के लिए ब्लॉक का आदेश लिया जाता है, जो बिल्कुल ही नहीं लिया गया था। जिसके कारण यह घटना घटित हुई है। अब सवाल यह उठता है कि दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले मजदूर की मौत तो हो गई, अब क्या इसका मुआवजा ठेकेदार देगा।
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राजीव कुमार की रिपोर्ट