डिजीटल डेस्क : पाबंदी के बाद भी पटाखे फोड़े जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस कमिश्नर से मांगा जवाब। पाबंदी और प्रतिबंध के बाद भी पटाखे फोड़े जाने के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर नाराजगी जताई है।
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सुप्रीम कोर्ट ने नाखुशी जताते हुए कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं हो सकता कि पटाखों पर प्रतिबंध शायद ही लागू किया गया हो। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पंजाब और हरियाणा राज्यों द्वारा पराली जलाने के पिछले 10 दिनों के विवरण के संबंध में हलफनामा भी दायर किया जाना चाहिए।
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 नवंबर को…
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि 2024 की दिवाली में क्या हुआ, इन पहलुओं पर विचार के लिए 14 नवंबर को विचार किया जाएगा। दिल्ली सरकार और पुलिस कमिश्नर की ओर से एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करना होगा। दोनों के हलफनामे में इस दौरान हुई आग की घटनाओं के बारे में भी बताना होग।
इस बीच, दिल्ली सरकार और अन्य अधिकारियों को भी इन पटाखों पर ह्यस्थायी प्रतिबंधह्ण लगाने का कॉल लेना चाहिए। दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिवाली के बाद इसमें और बढ़ोतरी हुई। कई इलाकों में एक्यूआई 400-500 के बीच दर्ज किया गया। दमघोंटू हवा का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है।
पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। इसके बाद भी प्रदूषण के स्तर पर में अभी तक कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को प्रतिबंध लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दायर करने का निर्देश हुए दोनों को इस बात पर प्रकाश डालने को कहा कि वे क्या कदम उठाने का प्रस्ताव रखते हैं ताकि अगले साल ऐसा न हो। इसमें सार्वजनिक अभियान के कदम भी शामिल होने चाहिए।