मोतिहारी : पताही थानाध्यक्ष कैलाश कुमार के विरुद्ध शराबबंदी कांड और अन्य मामलों में लापरवाही पाए जाने पर एसपी स्वर्ण प्रभात के द्वारा डीआईजी से निलंबन की अनुशंसा की गई थी। डीआईजी ने पताही थानाध्यक्ष निलंबित को कर दिया है। एसपी ने कहा कि शराब के विरुद्ध लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
Highlights
सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत की गई कार्रवाई
शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत पूर्वी चंपारण जिले के पताही थानाध्यक्ष कैलाश कुमार को पुलिस उपमहानिरीक्षक चंपारण परिक्षेत्र हरिकिशोर राय के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने निलंबित कर दिया है। उन पर शराबबंदी कांड और अन्य मामलों में लापरवाही बरतने का आरोप था।
निलंबन का कारण
पताही थानाध्यक्ष के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। जिनमें शराबबंदी कानून के उल्लंघन और अन्य मामलों में लापरवाही के आरोप शामिल थे। इन शिकायतों की जांच के बाद यह पाया गया कि थानाध्यक्ष ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं किया था और शराब के अवैध कारोबार को रोकने में विफल रहे थे। कार्रवाई जारी रहेगी। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने कहा कि शराब के विरुद्ध लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने और शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
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शराबबंदी कानून का महत्व
बिहार में शराबबंदी कानून अप्रैल 2016 से लागू है। इस कानून का उद्देश्य राज्य में शराब के सेवन को कम करना और लोगों के स्वास्थ्य और सामाजिक जीवन को बेहतर बनाना है। सरकार की प्रतिबद्धता बिहार सरकार शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने इस कानून के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है।
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सोहराब आलम की रिपोर्ट