हजारीबाग : सोमवार को बरही थाना के नईटांड में सायरन के साथ गाड़ियों का काफिला दाखिल हुआ तो जनता को सरकार के आने का एहसास हुआ. गाड़ियों का ये काफ़िला सीधे दिवंगत किशोर रुपेश कुमार पांडेय के घर के सामने जाकर रुका और उनमें से मंत्रियों और विधायकों की टोली बाहर आई. राजनीतिक यात्रा थी तो राजनीतिक दस्तूर भी निभाना था. तैयारी भी पूरी थी. मंत्रियों-विधायकों ने सबसे पहले रूपेश कुमार पांडे की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया फिर माता-पिता को सांत्वना दी. तीन मंत्रियों ने अपने-अपने फंड से एक-एक लाख रुपये देने का एलान किया, बेटे के श्राद्धकर्म के बाद बरही से रांची लाकर मुख्यमंत्री से मिलवाने का भरोसा दिलाया और चलते-चलते किसी भी दोषी को नहीं बख्शने की बात भी कही. सरकार अपना राजधर्म निभा चुकी थी.गाड़ियों का सायरन बजा और काफिला वापस लौट चला. इलाके में एक बार फिर से सन्नाटा पसर गया.
माता-पिता न तब बोलने की स्थिति में थे जब आततायियों की भीड़ ने सत्रह साल के निर्दोष बेटे की निर्मम हत्या कर दी थी और न अब बोलने की स्थिति में है. मंत्रीजी से न ये पूछ पाए कि उनके बेटे को क्यों मारा गया और न ही ये बोल पाए कि मुख्यमंत्री से मिलकर और तीन लाख रुपये लेकर अब वो क्या करेंगे ? निर्दोष बेटे की निर्मम हत्या की वेदना और सत्ता की हनक के सामने माता-पिता भले ही न बोल पाएं लेकिन एक सवाल पूरा इलाका पूछ रहा है और वो ये कि हुज़ूर ने आते-आते इतनी देर क्यों की ? कहना तो शायद ये भी चाहते थे कि आप आए तो हैं आंसू पोंछने पर आंखों में आंसू अब बचा कहां है. अब तो ये पथरा गई हैं. परन्तु आपकी आंखों में तो पानी है ना ?
एक हफ्ते से ज्यादा वक्त गुज़र चुका है रूपेश पांडेय की हत्या को. शायद सरकार को उम्मीद थी कि वक्त के साथ मामला ठंढ़ा पड़ जाएगा. परन्तु ऐसा होता दिख नहीं रहा. मामला अंदर ही अंदर सुलगता रहा और अब तो राजनीतिक रंग भी लेने लगा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद सोमवार को सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल बरही में मृतक रुपेश पांडेय के घर पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ-साथ बरही विधायक उमाशंकर अकेला, गिरिडीह के विधायक सुदीप कुमार सोनू और बड़कागांव के विधायक अंबा प्रसाद शामिल थे. रूपेश कुमार पांडे की माता उर्मिला देवी, पिता सिकंदर पांडे के साथ-साथ पीड़ित परिवार के दूसरे सदस्यों से मिले और पूरे मामले की जानकारी ली. इसके बाद भरोसा दिया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. दोषियों पर निश्चित रूप से करवाई होगी और निर्दोष को फंसने नहीं दिया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल में शामिल तीनों मंत्रियों ने अपने अपने फंड से एक -एक लाख रुपये जल्द देने का वादा किया. उन्होने कहा कि रूपेश कुमार के श्राद्धकर्म के उपरांत मृतक परिवार को बरही से रांची ले जाकर मुख्यमंत्री से मिलवाया जाएगा.
रिपोर्ट: आशीष
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