सरकार ने अपनी पीठ थपथपा ली और पारा शिक्षकों को भूल गई

रांची: टेट पास पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर रांची के राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहे हैं दरअसल वेतनमान की मांग को लेकर टेट पास पारा शिक्षकों का आंदोलन आज से शुरू हो गया है.

बता दे की मानसून सत्र के दौरान झारखंड विधानसभा के समक्ष अनशन पर बैठे टेट पास पारा शिक्षकों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया था. उल्लेखनीय है की जेएसएससी ने 26000 शिक्षकों की नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया था इस नोटिफिकेशन के अनुसार जो शिक्षक जटेट पास है वहीं शिक्षक इस आवेदन को भर सकते हैं. सरकार ने 50 फीसदी सीटों को पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित किया है.
टेट पास पारा शिक्षक सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली को लेकर विरोध कर रहे हैं शिक्षकों का कहना है कि अब हमारी उम्र बढ़ती जा रही है और ऐसे में अब हम परीक्षा देने में असमर्थ है. पिछले 20 सालों से स्कूल में सेवा दे रहे हैं अब हमारी उम्र पढ़ने की नहीं रही सरकार को इस नियमावली को रद्द करके 2012 के नियमावली के तहत तमाम कार्य करनी चाहिए.
गौरतलब है कि दिसंबर 2021 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगन्नाथ महतो से पारा शिक्षकों की वार्ता हुई थी और शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगन्नाथ महतो ने पारा शिक्षकों को वादा भी किया था कि 3 महीने के भीतर वेतनमान देने पर विचार की जाएगी.

वहीं पर शिक्षकों का कहना है कि इस वार्ता के बाद सरकार ने अपनी पीठ थपथपा ली और पारा शिक्षकों को भूल गई. टेट पास पारा शिक्षक नाराजगी जताते हुए कहां की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हमने कई बार मुलाकात करने की कोशिश भी की थी लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई अतः अब हम लोग आंदोलन करने पर मजबूर हो गए हैं जब तक हमारी मांग पूरी नहीं की जाएगी हम लोग रांची के राजभवन के समक्ष आंदोलन करते रहेंगे

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