आखिर क्यों झारखंड आंदोलनकारियों ने 29 दिसंबर का झारखंड बंद लिया वापस

Ranchi– झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने 29 दिसंबर को आहूत झारखंड बंद को वापस लेने की घोषणा की है. झारखंड संघर्ष मोर्चा के केन्द्रीय कार्यकारी के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा है कि झारखंड आंदोलनकारियों का पहचान, मान-सम्मान, पेंशन, नियोजन आदि की मांगों को लेकर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच सौहार्दपूर्ण वार्ता  हुई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से झारखंड संघर्ष मोर्चा की ओर से रखे गए सभी बिंदूओं पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद  29 दिसंबर को आहूत बंद को वापस लिया जा रहा है.

झारखंड संघर्ष मोर्चा के केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा है कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों की ओर से रखे 11 सूत्री मांगों को जल्द पूरा करे. विधानसभा में किए गए वादों को जल्द से जल्द लागू किया जाए.

राजू महतो ने कहा है कि राज्य गठन के 21 वर्ष गुजरने के बाद भी आंदोलनकारी छले जा रहे है, झारखंड आंदोलनकारियों की स्थिति हाशिए पर है. इलाज के अभाव में मर रहे है. कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. राज्य में कहने के लिए आंदोलनकारियों की सरकार है. लेकिन, आंदोलनकारियों के सपने अधूरे हैं. जिन मूल्यों को लेकर अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गई थी. आज वे कहीं खो गए है.

राजू महतो  ने कहा कि 27 दिसंबर को  रांची में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की समीक्षा बैठक की जाएगी और 18 जनवरी 2022 को राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया जाएगा. यदि 14 फरवरी तक सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों को अमलीजामा नहीं पहनाया जाता है तो 15 फरवरी से घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी.  सरकार जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारियों को समान रूप से राजकीय मान-सम्मान, पहचान, नियोजन व पेंशन देने का काम करे.

इस अवसर पर अश्वनी कुजुर, सचिव कयूम खान, भुनेश्वर केवट, डॉक्टर रामनाथ मेहता, वित्त अध्यक्ष आजम अहमद, जबील्लाह अंसारी, दिवाकर साहू मौजूद  रहें.

रिपोर्ट-शाहनवाज 

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