Jameshedpur:-पद्मश्री (Padma Shri Award) से सम्मानित और डायन प्रथा के खिलाफ लगातार मुहिम चलाते रहे झारखंड
की छुटनी महतो (chutni mahto) के जीवन संघर्षों पर आधारित एक वेव सीरीज का निर्माण होने जा रही है.
इसकी जानकारी देते हुए फिल्म निर्माता प्रसाद प्रणव ने बतलाया कि इसका निर्माण ए विलेज टॉकीज (A Village Talkies)
के बैनर तले किया जायेगा. यह कंपनी इसके पहले भी दो फिल्म का निर्माण कर चुकी है.
प्रसाद प्रणव ने बतलाया कि छुटनी महतो की बायोपिक बनाकर उन्हे गर्व की अनुभूति होगी.
उनके संघर्षो को सामने लाकर समाज में फैले अंधविश्वासों को खत्म करने में मदद मिलेगी.
झारखंड की छुटनी पर बनेगी फिल्म : स्थानीय कलाकारों को मिलेगा अक्सर
फिल्म में साउथ और बॉलीवुड में काम करने वाले झारखंडी कलाकारों के अलावा स्थानीय कलाकारों को भी अवसर दिया जाएगा. कलाकारों की खोज अगले महीने से कर दी जाएगी. झारखंड सरकार ने भी फिल्म निर्माण में सहयोग करने की बात की है. हालांकि फिल्म का नाम क्या होगा, यह अभी तक तय नहीं हुआ है. अपने नाम पर फिल्म निर्माण की घोषणा से छोटनी महतो काफी उत्साहित नजर आयी. उन्होंने इसके लिए फिल्मकार एवं अपने सगे-संबंधियों के प्रति शुक्रिया अदा की.
सामाजिक अंधविश्वासों के खिलाफ मुखर आवाज रही हैं छुटनी देवी
छुटनी महतो झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया के बीरबांस गांव की निवासी हैं. 12 वर्ष की उम्र में उनका ब्याह गम्हरिया थाना के ही महताडीह गांव में धनंजय महतो से हुआ, उन्हें तीन बच्चे हुए. 2 सितंबर 1995 को उसके पड़ोसी भजोहरि की बेटी बीमार हो गई थी. लोगों को शक हुआ कि छुटनी ने ही कोई टोना-टोटका कर दिया है. इसके बाद गांव में पंचायत हुई, जिसमें छुटनी को डायन करार दिया गया. लोगों ने घर में घुसकर उनके साथ हैवानियत करने की कोशिश की. गांव में फिर पंचायत हुई तो उनपर 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया. किसी तरह छुटनी ने जुर्माना भरा, लेकिन गांव वालों का गुस्सा कम नहीं है. उसके बाद का छुटनी महतो का जीवन संघर्षों का इतिहास है.