नालंदा: गांवों में फूल की खेती कर भी लाखों कमाया जा सकता है। हुनर हो तो हर मिट्टी से सोना उगाया जा सकता है। बिहारशरीफ प्रखंड के मेघी के युवा किसान आलोक आनंद ने गांव में फूलों की खेती कर यह कारनामा कर दिखाया है। वे गत पांच सालों से जरवेरा फूल की खेती कर रहे हैं। इस साल से उन्होंने दो एकड़ में तीन पॉल हाउस बनाकर गुलाब की खेती भी शुरू की है। एक एकड़ में बने पॉली हाउस में जरवेरा फूल की खेती से हर माह 50 हजार यानि साल में छह लाख रुपए कमा रहे हैं। वहीं दर्जनों युवाओं को यहां काम भी उपलब्ध करा रहे हैं।
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इस पॉली हाउस में आधुनिक खेती आलोक आनंद को अपने आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा श्रोत बन गए हैं । उन्होंने कहा कि इस तरह की खेती कर हमारे युवा हर माह लाखों कमा सकते हैं। पास में ही दो एकड़ में तीन पॉली हाउस में इस साल से गुलाब की फूल की खेती शुरू की है। इसका पैदावार भी अच्छी हुई है। हालांकि, गुलाब के फूल महंगी होने के कारण बाजार में इसकी मांग कम रहती है। किसान आलोक आनंद ने बताया कि पॉल हाउस में जरवेरा की रोजाना एक हजार फूलों का उत्पादन हो रहा है।
भीषण गर्मी में एक एकड़ में इतना उत्पादन हो रहा है। तापमान में गिरावट होने पर इसका उत्पादन और बढ़ेगा। दो रुपए प्रति फूल के हिसाब से यह बाजार में आसानी से बिक जाती है। यहां का फूल राजगीर की एसी बस से रोजाना पटना महावीर मंदिर के पास भेजी जाती है। इस हिसाब से साल में लगभग सवा सात लाख रुपए आएंगे। जबकि, इसके उत्पादन में लगभग सवा लाख रुपए की लागत आती है। यानि छह लाख सलाना का शुद्ध मुनाफा है। ये अन्य युवा किसानों के लिए एक प्रेरणा हैं।
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नालंदा से राजा कुमार की रिपोर्ट
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