HMPV को लेकर संयुक्त राष्ट्र का बयान – यह कोई नया वायरस नहीं…

HMPV पर बयान जारी करतीं संयुक्त राष्ट्र् की प्रवक्ता।

डिजिटल डेस्क। HMPV को लेकर संयुक्त राष्ट्र का बयान – यह कोई नया वायरस नहीं…। HMPV को लेकर चीन में मचे हायतौबा के बाद अब दुनिया के कई देशों में बन रहे पैनिक वाले हालत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र् ने टिप्पणी की है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इसे लेकर घबराने या पैनिक में आने की जरूरत नहीं है। यह कोई नया वायरस नहीं बल्कि पुराना है और बचाव के साथ ही इसका उपचार भी उपलब्ध है।

संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता ने कहा – HMPV  एक सामान्य वायरस

HMPV को लेकर दुनिया में बन रहे हालात पर लोगों को पैनिक में पड़ने देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस पर बयान जारी किया गया है। संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता ने कहा कि – ‘…HMPV वायरस पहली बार 2001 में पहचाना गया था। … यह लंबे समय से मानव आबादी में रहा है।  यह एक सामान्य वायरस है जो सर्दियों में फैलता है।

…यह आमतौर पर सामान्य सर्दी के जैसे सांस संबंधी लक्षण पैदा करता है। यह लंबे समय से मानव आबादी में रहा है। यह एक सामान्य वायरस है जो सर्दी और वसंत ऋतु में फैलता है। यह आमतौर पर सामान्य सर्दी के जैसे सांस संबंधी लक्षण पैदा करता है’। 

HMPV पर बयान जारी करतीं संयुक्त राष्ट्र् की प्रवक्ता।
HMPV पर बयान जारी करतीं संयुक्त राष्ट्र् की प्रवक्ता।

भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी HMPV पर जागरूकता फैलाने की सलाह, राज्यों में काम शुरू …

संयुक्त राष्ट्र के HMPV पर बयान आने से पहले ही भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में हालात की समीक्षा करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को HMPV के संबंध में जागरूकता फैलाते हुए बिना घबराए ऐहतियात बरतने का निर्देश  दिया है। साथ ही गाइडलाइंस और एडवाइजरी भी जारी की गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि – ‘HMPV को वैश्विक स्तर पर सांस संबंधी वायरस कहा जाता है। यह एक संक्रामक रोगाणु है जो किसी भी आयु वर्ग के लोगों में सांस संबंधी संक्रमण का कारण बन सकता है। आईडीएसपी के आंकड़ों से देश में कहीं भी आईएलआई और एसएआरआई के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि के संकेत नहीं मिले हैं। 

HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) पर बन रही जागरूकता पेंटिंग।
HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) पर बन रही जागरूकता पेंटिंग।

…आईसीएमआर के प्रहरी निगरानी डाटा से भी इसकी पुष्टि होती है। …लोगों को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि HMPV 2001 से ही विश्व स्तर पर मौजूद है। सांस संबंधी बीमारियों में आमतौर पर सर्दियों के महीनों में वृद्धि देखी जाती है और देश ऐसे मामलों में किसी भी संभावित वृद्धि की आशंका को लेकर पूरी तरह तैयार है।

आईसीएमआर-वीआरडीएल प्रयोगशालाओं में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। राज्यों को आईएलआई/एसएआरआई निगरानी को मजबूत करने और उसकी समीक्षा करने की सलाह दी गई है।

…राज्यों को यह भी कहा गया है कि वे HMPV वायरस के संक्रमण की रोकथाम के बारे में लोगों के बीच सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) तथा जागरूकता को बढ़ाएं जैसे कि साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना, गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह को नहीं छूना, रोग के लक्षण वाले लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना और खांसते एवं छींकते समय मुंह एवं नाक को ढंकना’।

HMPV से बचाव और सतर्कता बरतने के साथ ना घबराने को प्रेरित करती पेंटिंग।
HMPV से बचाव और सतर्कता बरतने के साथ ना घबराने को प्रेरित करती पेंटिंग।

यूपी में HMPV पर  एडवाइजरी लागू, बच्चों को खांसी-जुकाम होने पर ना बरतें लापरवाही….

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह मिलते ही यूपी में सीएम योगी के मार्गदर्शन में तत्काल प्रभाव से HMPV से बचाव, ऐहतियात आदि पर काम शुरू कर दिया गया है। HMPVपर जागरूकता फैलाने पर काम जारी हो गया हैं और एडवाइजरी लागू की जा रही है। यूपी के राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है।

राजधानी दिल्ली के पास होने के कारण मूविंग पैसेंजर्स से गाजियाबाद में प्रभाव पड़ने की आशंका है और इसलिए वहां और नोएडा में विशेष ऐहतियात बरतने का काम जारी है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में ह्यूमन मेटा न्यूमोनिया वायरस (HMPV) का कोई भी केस फिलहाल सामने नहीं आया है। हालांकि किसी प्रकार के डर से बचाने के लिए डॉक्टरों ने जागरूक करना शुरू कर दिया है।

डॉक्टरों की तरफ से जारी अडवायजरी के अनुसार वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक रेस्पिरेटरी ट्रैक का संक्रमण है, जो दो से पांच दिन में ठीक हो जाता है। बहुत गंभीर होने पर भी मरीज महज ऑक्सिजन सपोर्ट पर जाता है। फिर भी एहतियातन सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

HMPV से बचाव और सतर्कता बरतने के साथ ना घबराने को प्रेरित करती पेंटिंग।
HMPV से बचाव और सतर्कता बरतने के साथ ना घबराने को प्रेरित करती पेंटिंग।

केजीएयमू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के प्रो. सूर्यकांत ने बताया कि – ‘HMPV के लक्षण ज्यादातर 14 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवतियों में देखे जाते हैं। यह 24 साल पुराना वायरस है, जिसमें खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में दिक्कत होती है। कुछ ही मामलों में यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बन सकता है। आमतौर पर 2-5 दिनों में मरीज ठीक हो जाते हैं।

…संस्थान में HMPV संक्रमण की जांच की सुविधा है। मरीज सामने आने पर डायग्नोसिस से लेकर इलाज तक का इंतजाम है। ऐसे में घबराने की जरूरत है। केजीएमयू में संक्रामक रोग के रूप में अलग विभाग है। संक्रमण की आशंका पर मरीज ओपीडी में आकर दिखा सकते हैं। यह संक्रमण रेस्पिरेटरी पैनल टेस्ट में डायग्नोज हो जाता है। इस पैनल में कई टेस्ट होते हैं, जिनमें HMPV भी शामिल है।

लखनऊ में इस प्रकार के सिम्प्टम वाले मरीजों की जांच कराई जा रही है। मामूली सी लापरवाही बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर भारी पड़ रही है। बच्चों में निमोनिया, वायरल, डायरिया, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ, छाती में संक्रमण, जुकाम, खांसी जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं।  बच्चों को खांसी-जुकाम होने पर बिना देर किए तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। तेज सांस लेना, सीने में जकड़न आदि निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं’। 

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