ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में नंबर 1 की दौड़ में काफी मजबूती से खड़ा है यूपी, CM Yogi ने किया दावा

लखनऊ में बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलते सीएम योगी आदित्यनाथ।

लखनऊ: ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में नंबर 1 की दौड़ में काफी मजबूती से खड़ा है यूपी, CM Yogi ने किया दावा। बुधवार यूपी की राजधानी लखनऊ में एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में पहुंचे उद्यमियों, युवा इंटरप्रेन्योर्स आदि को संबोधित करते हुए CM Yogi आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के नजरिए और उपलब्धियों को सारगर्भित अंदाज में रखा।

CM Yogi ने कहा कि -‘प्रदेश में ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को सरल किया गया। वर्ष 2017 से पूर्व राज्य ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में 14 वें स्थान पर था। आज हम टॉप अचीवर्स में सम्मिलित हैं। हम नम्बर दो पर तो वर्ष 2019 में ही आ चुके थे। राज्य देश में पहले और दूसरे नम्बर की प्रतिस्पर्धा में सम्मिलित है।

पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठवें या सातवें नम्बर पर थी। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि राज्य प्रदेश से आगे थे। आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बन चुकी है तथा नम्बर एक के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही है।

आज यूपी देश में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में कार्य किए गए। इनमें कृषि, पशुपालन, डेयरी आदि क्षेत्रों में किये गये कार्य सम्मिलित हैं। प्रदेश में कम्प्रेस्ड बायोगैस की सर्वाधिक इकाइयां हैं। राज्य सरकार ने अवसंरचना के क्षेत्र में भी अनेक कदम उठाए हैं’

‘यूपी में सर्वाधिक जीआई टैग वाराणसी में, भदोही-फिरोबाद में आया बूम’

CM Yogi आदित्यनाथ ने आगे कहा कि – ‘प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई नयी पहलों में एक जनपद एक उत्पाद योजना भी सम्मिलित है। इस योजना के माध्यम से देश, दुनिया में प्रदेश की  ब्रांडिंग की गई। इसके माध्यम से प्रदेश का प्रत्येक जनपद एक यूनीक उत्पाद देने में सफल हुआ। इन उत्पादों से संबंधित प्रदेश में 75 जीआई टैग हैं।

…सर्वाधिक जीआई टैग वाराणसी में हैं। इसके माध्यम से प्रदेश के निर्यात में वृद्धि हुई है। अब राज्य के आमों का निर्यात अमेरिका तथा मॉस्को को किया जाता है।

जब प्रदेश के मंत्री तथा मुख्य सचिव ने यहां के किसानों के साथ रूस का दौरा किया तो यहां के आमों की कीमत मॉस्को में 1,000 रुपये प्रति किलो प्राप्त हुई। आमों के निर्यात के माध्यम से निर्यात आदि के खर्चों को घटाने के पश्चात किसानों को प्रति किलो 700-800 रुपये का लाभ प्राप्त हो सकता है।

हालांकि प्रदेश सरकार किसानों को 90 रुपये इन्सेंटिव भी उपलब्ध कराती है।…पहले भदोही का कारपेट उद्योग दम तोड़ चुका था। आज भदोही 8,000 करोड़ रुपये की कारपेट निर्यात कर रहा है।

पहले फिरोजाबाद में कांच उद्योग बंदी की कगार पर था। प्रदेश सरकार द्वारा कारीगरों को तकनीकी तथा सुविधाओं से जोड़ा गया परिणामस्वरूप ग्लास उद्योग एक बार फिर से चमक चुका है। फिरोजाबाद ढाई से 3 हजार करोड़ रुपये का निर्यात कर रहा है।

मेरठ दुनिया के सबसे अच्छे स्पोट्र्स आइटम बना रहा है। ऐसे ही प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अनेक उत्पाद देश दुनिया के सामने अपनी अलग पहचान प्रस्तुत कर रहे हैं’।

लखनऊ में बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलते सीएम योगी आदित्यनाथ।
लखनऊ में बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलते सीएम योगी आदित्यनाथ।

‘उद्यमिता में यूपी की ब्रांडिंग पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को करती है साकार…’

इसी क्रम में CM Yogi बोले कि – ‘जब उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग इसके साथ जुड़ती है, तो वह प्रधानमंत्री जी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करती हुई दिखाई देती है। वोकल फॉर लोकल की अवधारणा इस परिकल्पना को सम्बल प्रदान करती है। इसके माध्यम से महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना भी साकार होती हुई दिखाई देती है।

राज्य सरकार द्वारा गांव के हस्तशिल्पियों के लिए भी अनुकूल वातावरण निर्मित किया गया है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान तथा पीएम विश्वकर्मा जैसी योजनाएं परम्परागत रूप से कार्य करने वाले लोगों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं।

…16वीं सदी तक दुनिया की अर्थव्यवस्था  में भारत 25 प्रतिशत योगदान देता था। ऐसा क्या कारण था कि विदेशी आक्रांता हमारे हस्तशिल्प तथा कारीगरों को समाप्त कर गए। आज हम कहां पर खड़े हैं। विश्व की अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत की जीडीपी कितनी है, यह विचारणीय प्रश्न हैं।

एक समय था जब भारत विश्व की अर्थव्यवस्था को नेतृत्व प्रदान करता था। परम्परागत हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों का हुनर इसमें बड़ा योगदान दे रहा था। बड़े निवेश के लिए एमएसएमई तथा स्किल मैनपावर आधार होता है।

…प्रदेश में यह पहली बार हो रहा है, जब सीएसआर नीति के तहत एसजीपीजीआई को दो प्रोजेक्ट उपलब्ध कराये गये हैं। इसमें से एक अमेरिका के सलोनी फाउंडेशन का प्रोजेक्ट है। सलोनी फाउंडेशन का गठन हृदय रोग से पीड़ित अमेरिका की नवजात बच्ची की स्मृति में  किया गया था। इन लोगों का उत्तर प्रदेश से कोई सम्बन्ध नहीं है।

निवेश के सुरक्षित वातावरण के कारण यह फाउंडेशन प्रदेश में निवेश को तैयार हुआ। एसजीपीजीआई में इस फाउंडेशन के फर्स्ट फेज का कार्य सम्पन्न हो चुका है।

जन्म से हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के निःशुल्क उपचार के लिए 36 बेड संचालित हो चुके हैं। सेकेंड फेज में 200 नए बेड के लिए कार्यक्रम का शुभारम्भ हो रहा है। प्रदेश में अमेरिका से आया सीएसआर के अन्तर्गत यह सबसे बड़ा फण्ड है। ऐसे कार्य पहल करने से ही सम्भव होते हैं। एसजीपीजीआई जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के साथ सलोनी की स्मृतियां सदैव जीवित रहेंगी’।

लखनऊ में बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलते सीएम योगी आदित्यनाथ।
लखनऊ में बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलते सीएम योगी आदित्यनाथ।

CM Yogi ने उछाला सवाल – …तमाम खूबियों के बाद भी 7 साल पहले तक क्यों पिछड़ा था अपना यूपी?

CM Yogi ने जनसामान्य से सवाल करते हुए अपनी बात अलग अंदाज में भी रखी। CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां लगभग 25 करोड़ जनसंख्या निवास करती है। ऐसा कौन सा कारण था जो उत्तर प्रदेश को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने से रोक रहा था। आज प्रदेश में सबसे सस्ता व स्किल्ड मैनपावर है।

काशी तथा प्रयागराज ने देश के प्रमुख शिक्षा केंद्रों के रूप में अपनी बड़ी भूमिका का निर्वहन किया था। यह कभी प्राच्य विद्या के केंद्र थे। …हम कालचक्र को नहीं समझ पाए। हमने समय की गति को नहीं पहचाना, परिणामस्वरूप शिक्षा के केन्द्र, स्किल्ड मैनपावर, सर्वाधिक उपजाऊ भूमि तथा दुनिया का सर्वाधिक अच्छा जल संसाधन होने के बावजूद हम पिछड़ गए।

…आज से साढ़े 7 वर्ष पूर्व प्रदेश के युवाओं, व्यापारियों तथा किसानों के सामने पहचान का संकट था। देश का हर बड़ा उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश करने से कतराता था। व्यवसाय करने तथा सामान्य जीवन का निर्वाह करने के लिए सुरक्षा पहली शर्त होती है। सारी गतिविधियां कानून के अनुसार होती हुई दिखाई देनी चाहिए।

जिस राज्य में हर दूसरे तीसरे दिन दंगे होते रहे हों, जिस राज्य में व्यक्ति की सुरक्षा की गारंटी नहीं है, तो उसकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी कैसे होगी। उस समय प्रदेश में यही माहौल था। पहले यहां विकास के लिए योजनाओं, नीतियों तथा लैंड बैंक का अभाव था। ‘पिक एण्ड चूज’ के माध्यम से भेदभाव किया जाता था।

...प्रदेश सरकार द्वारा राज्य को नए सिरे से आगे बढ़ाने तथा प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए वर्ष 2017 में विचार मंथन किया गया। दुनिया के अलग-अलग देश में रोड शो आयोजित किए गए। प्रदेश में हो रहे सकारात्मक बदलावों को देखकर उद्यमी यहां निवेश के लिए तैयार हुए।

वह निवेशकों से बात करने स्वयं मुम्बई गए जहां ढाई लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। अंततः प्रदेश के पहली इन्वेस्टर्स समिट में 4 लाख 59 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसके पश्चात फरवरी 2023 में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गयी। इस इन्वेस्टर्स समिट में 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

इसके माध्यम से एक करोड़ 50 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाएगा। …एक साथ एक से डेढ़ करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ना बिजनेस में निवेश के माध्यम से सम्भव है। सरकारी क्षेत्र में नौकरियां सीमित होती हैं।

हालांकि प्रदेश में अलग-अलग फेज में 1,54,000 पुलिस कर्मियों की भर्तियां की गई लेकिन हर साल एक लाख पुलिस कर्मियों की भर्तियां संभव नहीं है। निवेश हमें इसलिए लेकर आना है, ताकि प्रदेश के औद्योगिक विकास में वृद्धि के साथ-साथ यहां के युवाओं को रोजगार के साथ जोड़ा जा सके।

…पहले प्रदेश में न बेटी सुरक्षित थी और न ही व्यापारी। यहां अराजकतापूर्ण माहौल था। सुरक्षा का वातावरण तथा जीरो टॉलरेंस की नीति सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था के अन्तर्गत माफियाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई इसका एक उदाहरण है। इसके लिए सरकार को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

आज प्रदेश सुरक्षित है। यहां दंगा करने का  दुस्साहस कोई नहीं कर सकता। इस वातावरण के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए भी कार्य करने पड़े।

…उस समय उत्तर प्रदेश 20 से 22 करोड़ की आबादी वाला राज्य था, लेकिन वार्षिक बजट केवल 2 लाख करोड़ रुप/s था। ऊंट के मुंह में जीरा का मुहावरा अक्षरशः सही साबित हो रहा था। आज प्रदेश का बजट बढ़कर लगभग साढ़े 7 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। यह प्रदेश की समृद्धि तथा आर्थिक उन्नयन को दर्शाता है।

उस समय प्रदेश की जीडीपी लगभग 12 लाख करोड़ रुपये थी। आज यह बढ़कर वर्ष 2023-24 में लगभग 26 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है और मार्च, 2025 तक राज्य की जीडीपी 32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का अनुमान है।’

इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, निदेशक सूचना शिशिर, वरिष्ठ पत्रकार कैलाश नौटियाल, अशोक कुमार भट्टाचार्य आदि मौजूद थे।

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