लखनऊ : UP Politics – सीएम योगी दिल्ली रवानगी से पहले दिखे ‘ऑल इज वेल’ वाले अंदाज में । यूपी की सियासत में काफी तेजी से एक के बाद घटनाक्रम जारी हैं। नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के हावभाव से दर्शाया दिया है कि बीते चंद दिनों से जारी रस्साकसी के दौर में अब हालात काफी कुछ उनके अनुकूल हो गए हैं। भाजपा के बाहुबली पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की समय से पहले अच्छे आचरण के लिए जेल से हुई रिहाई, सपा के पीडीए की सदस्य पल्लवी पटेल की सीएम योगी से मुलाकात और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद के सुर में सुर मिलाने वाले राज्य के मंत्री संजय निषाद आदि घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अग्निवीरों को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से की गई घोषणा के दौरान जितने आश्वस्त दिखे, उतने वह हाल के दिनों में नहीं दिख रहे थे।
केशव प्रसाद मौर्य के सुर में सुर मिलाने वाले संजय निषाद की भंगिमा बदली
बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में यूपी में 80 में से 33 सीटें मिलने के बाद से जहां राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा के समीकरण बिगड़े, वहीं संगठन में नेता और सहयोगी दल वाले भी हार के लिए योगी सरकार के प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने से नहीं चूके। सरकार से बड़ा संगठन की बात प्रदेश भाजपा कार्यसमिति में रखने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ कदमताल मिलाने वाले वाले निषाद पार्टी के अध्यक्ष और मंत्री संजय निषाद भी सीएम योगी की सरकार को कठघरे में खड़े करने में जुटे थे। लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उनके सुर बदल गए हैं। वह अब सीएम योगी को अपना अभिभावक बताने लगे हैं। संजय निषाद ने गुरुवार को सीएम योगी से मुलाकात की और पर यूपी सीएम ऑफिस ने इस मुलाकात पर कहा कि कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट कर मार्गदर्शन प्राप्त किया है, लेकिन इस मुलाकात के बाद मंत्री के बदले तेवर को लेकर सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।
संजय निषाद बोले – सीएम योगी हमारे अभिभावक और मार्गदर्शक
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी हमारे अभिभावक है, हमारे मार्गदर्शक है। उनसे दिशा-निर्देश लेना और अपने दर्द को बताना हमारा काम है। आगामी 16 अगस्त को निषाद पार्टी का स्थापना दिवस है और उसके लिए मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया है। साथ ही उन्होंने योगी सरकार में मनमुटाव की बात को बेबुनियाद और विपक्षी दल की साजिश करार दिया। निषाद पार्टी के अध्यक्ष को लेकर सियासी हलके में कहा जाता है कि वह मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी हैं। मौजूदा हालात में वह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ दोनों से अपना बैलेंस बनाकर रखना चाहते हैं। वह इस बात को समझ गए हैं कि यूपी के सत्ता में फिलहाल कोई परिवर्तन नहीं होने वाला तो मुख्यमंत्री के साथ संबंध बिगाड़ कर चलने के बजाय उनके साथ बनाकर चलने की नीति अपना ली है।
पीएम और शीर्ष भाजपा नेतृत्व की दो दिन अहम बैठकें, सीएम योगी ने किया होमवर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ 27 और 28 जुलाई को बैठक प्रस्तावित है। इस दौरान लोकसभा चुनाव के परिणामों और मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट के साथ 100 दिनों की कार्ययोजना पर चर्चा होनी तय मानी जा रही है। साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर भी रोडमैप भी तैयार होना है। उसी क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही नीति आयोग की बैठक के लिए दिल्ली जा रहे हों लेकिन सबकी निगाहें इससे इतर होने वाली बैठकों पर हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पहली बार मुख्यमंत्री औपचारिक तौर पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। इससे पहले बीते 14 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जेपी नड्डा से ही उनकी मुलाकात हुई थी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और जेपी नड्डा के साथ होने वाली बैठकों में सीएम योगी ना केवल अपना पक्ष रखेंगे बल्कि प्रदेश में सरकार और संगठन के बीच चल रही खींचतान की ताजा स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है। दिल्ली जाने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में ताबड़तोड़ बैठकें की हैं और उससे यही संकेत मिल रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली में होने वाली बैठकों के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इस क्रम में बार-बार प्रयागराज और कौशांबी में भाजपा के लिए संजीवनी माने जाने वाले ब्राह्मण वर्ग के उदयभान करवरिया को सियासी पिच पर उतारने के बारे में भी अहम वार्ता होने के संकेत हैं ताकि गत लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान को आगे न झेलना पड़े।
पल्लवी की योगी से भेंट पर अखिलेश यादव ने साधा केशव मौर्य पर निशाना
प्रदेश सपा मुख्यालय पर शुक्रवार को मीडिया से वार्ता के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा के अंदरूनी मतभेदों को लेकर चल रहीं चर्चाओं पर निशाना साधा लेकिन पल्लवी पटेल की सीएम योगी से हुई मुलाकात पर काफी नरम रुख दिखाया। सपा विधायक पल्लवी पटेल के सीएम से मिलने पर अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा कि ‘केशव मौर्य रूपी मोहरे को बैलेंस करने के लिए कुछ चल रहा होगा। पल्लवी पटेल पीडीए की सदस्य हैं और आधी आबादी का हिस्सा हैं। इसलिए हम उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए नहीं लिखेंगे’। इसके बाद तो उन्होंने केशव प्रसाद मौर्य को निशाने पर लिया। कहा कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली की वाई-फाई के पासवर्ड हैं। केशव को मोहरा बताते हुए कहा कि मीडिया बस दिल्ली के वाईफाई पासवर्ड का खेल देखे। आगे कहा कि लगता है कि डबल इंजन वालों के बीच में एक और इंजन आ गया है, जो दिल्ली – लखनऊ के बीच शंटिंग करता है। ऐसा लग रहा है कि दो राजधानियों के बीच कोई इंटर सिटी आवागमन सेवा चल रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि केशव आरक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश शासन को इसलिए पत्र लिख रहे हैं क्योंकि वे दोनों पालों में रहने का प्रयास कर रहे हैं ताकि, इधर भी बदनाम न हों और उधर भी काम चलता रहे। उन्होंने कहा कि अपने मानसून ऑफर ”100 लाओ-सरकार बनाओ” को विंटर सीजन (शीतकाल) तक विस्तारित करेंगे।