डिजीटल डेस्क : UPPSC – मायावती ने किया प्रदर्शनकारी परीक्षार्थियों का समर्थन। पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक दिन और एक शिफ्ट में आयोजित कराने की मांग पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) कैंपस के बाहर प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों का मंगलवार को बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने समर्थन किया है।
अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर बसपा सुप्रीमो ने प्रदेश की योगी सरकार से मांग की है कि – ‘गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। इसको लेकर सरकार खाली पड़े सभी बैकलॉग पर जितनी जल्दी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे उतना बेहतर’।
मायावती बोलीं – एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी…
एक दिन में एक ही पाली में परीक्षा कराने की मांग पर दूसरे दिन भी थाली-ड्रम बजाकर प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं को बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का यह समर्थन काफी अहम माना जा रहा है। पूर्व सीएम ने प्रदर्शनकारी छात्रों को वाजिब भी बताया एवं वाजिब मांगों पर प्रदर्शन करने वालों पर बल प्रयोग पर सवाल दागा है।
अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा है –‘उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस तथा आरओ-एआरओ की भी प्रारंभिक परीक्षा-2024 एक समय में कराने में विफलता को लेकर आक्रोशित छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक है।
क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है ?
पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी है। सरकार इस ओर ध्यान दे। साथ ही, गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए।
इसको लेकर सरकार खाली पड़े सभी बैकलॉग पर जितनी जल्दी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे उतना बेहतर। लोगों को रोज़ी-रोज़गार की सख्त जरूरत।’

अपनी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं प्रदर्शनकारी परीक्षार्थी, प्रयागराज में डटे…
बता दें कि पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को लेकर अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और प्रतियोगी छात्र आमने-सामने आ गए हैं। प्रतियोगी छात्र एक दिवसीय परीक्षा को लेकर बेमियादी हड़ताल पर है। वहीं आयोग अपने निर्णय से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
बीते सोमवार को दिन भर हजारों छात्रों के प्रदर्शन, छात्रों पर पुलिस का बल प्रयोग, यातायात बाधित होने और राजनैतिक बयानबाजी के बीच समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला था। छात्रों ने दूसरे दिन मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी रखा।
भारी संख्या में छात्र-छात्राएं प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर जुटे हैं। मंगलवार को यहां थाली, ड्रम, बॉल्टी आदि बजाते हुए प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं नारेबाजी कर रहे हैं। मांगें न माने जाने तक अपना विरोध प्रदर्शन करने पर अड़े हुए हैं।
इस बीच पुलिस ने सोमवार की तुलना में मंगलवार को अपनी स्ट्रेटजी में बदलाव किया और प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग की जगह एक निश्चित दूरी पर उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से नारेबाजी और प्रदर्शन करने देने पर कोई मनाही नहीं की है।

यूपी लोकसेवा की परीक्षा नीति को प्रदर्शनकारियों की बातें एकनजर में…
यूपी लोकसेवा आयोग द्वारा पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को प्रस्तावित की गई है। वहीं आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को प्रस्तावित की है। प्रदर्शनकारी छात्र दो दिवसीय परीक्षा और नार्मलाइजेशन को लागू करने का विरोध कर रहे हैं।
एक दिन एक पाली में परीक्षा और नार्मलाइजेशन रद करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि परीक्षा कराने में अक्षमता छुपाने के लिए आयोग दो दिवसीय परीक्षा और नार्मलाइजेशन के नाम पर अभ्यर्थियों के भविष्य से खेल रहा है। ऐसे में डेढ़ साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे प्रतियोगी छात्रों को यह आयोग ओवरएज करके ही दम लेगा।
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