32 हजार Cough Syrup कहां गए? जांच में खुला फार्मा कंपनी का अवैध रैकेट

Bokaro: जिले में नशे की अवैध सप्लाई से जुड़े बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। औषधि निरीक्षक पुतली बिलुंग की जांच में सामने आया कि न्यू सन फार्मा नामक प्रतिष्ठान द्वारा करीब 32 हजार बोतल ‘न्यू फेनसिडिल’ कफ सिरप (Cough Syrup) की अवैध आपूर्ति की गई थी। यह कफ सिरप कोडिन आधारित दवाओं की श्रेणी में आता है, जिनकी बिक्री पर सरकार ने सख्त प्रतिबंध और निगरानी लागू की हुई है।

फर्जी बिलिंग से 4 हजार से अधिक बोतलों की अवैध सप्लाईः

जांच रिपोर्ट के अनुसार बोकारो और आसपास के कई मेडिकल प्रतिष्ठानों को 4 हजार से ज्यादा कफ सिरप (Cough Syrup) की सप्लाई फर्जी विक्रय बिलों के आधार पर की गई थी। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि इन दवाओं का उपयोग नशा करने के लिए किया जा रहा था और यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था।

मुख्य आरोपी के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्जः

मुख्य आरोपी एवं न्यू सन फार्मा के स्वत्वाधिकारी आर्यन सिंह के खिलाफ बोकारो स्टील सिटी थाना में तीन अलग-अलग कानूनों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनमें एनडीपीएस अधिनियम, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि यह कोई साधारण गड़बड़ी नहीं बल्कि एक संगठित तस्करी रैकेट है, जिसमें फर्जी बिल, अवैध स्टॉक और छिपाकर की गई सप्लाई शामिल है।

आरोपी के घर से बरामद हुई संदिग्ध सामग्रीः

औषधि निरीक्षक पुतली बिलुंग ने बताया कि संयुक्त कार्रवाई के दौरान आरोपी आर्यन सिंह के जोशी कॉलोनी और लकड़ा खंडा स्थित आवासों पर छापेमारी की गई। तलाशी में बरामद हुआ— कोडिन युक्त कफ सिरप (Cough Syrup) की 5 बोतलें और विंग्स कंपनी के 33 ढक्कन। विंग्स कंपनी कोडिन आधारित दवाओं का उत्पादन करती है। जब्त की गई चार बोतलों पर लेबल स्पष्ट नहीं था, जिससे छेड़छाड़ और अवैध व्यापार की पुष्टि होती है। सभी जब्त सामग्री सील कर ली गई है।

संयुक्त टीम ने की कार्रवाई

इस कार्रवाई में—कार्यपालक दंडाधिकारी जया कुमारी, औषधि विभाग की टीम, स्थानीय पुलिस बल शामिल रहे।अधिकारियों के अनुसार यह ऑपरेशन नशे की अवैध सप्लाई के बड़े नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

अब जांच एजेंसियां किन बिंदुओं पर काम कर रहीं?

औषधि विभाग और पुलिस रैकेट की पूरी श्रृंखला को खंगाल रही हैं। जांच में खास तौर पर यह पता लगाया जा रहा है—

  • 32 हजार बोतलों की खेप किन रास्तों से बाहर भेजी गई?
  • कौन-कौन से मेडिकल स्टोर या सप्लायर इसमें शामिल थे?
  • क्या यह नेटवर्क झारखंड से बाहर अन्य राज्यों तक फैला हुआ है?

अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलते हैं कि यह नेटवर्क अंतर-राज्यीय स्तर पर काम कर रहा था और आने वाले दिनों में इसमें और बड़े खुलासे हो सकते हैं। यह मामला बोकारो में चल रहे नशे के गोरखधंधे की गंभीरता को उजागर करता है और यह कि कैसे फर्जी बिलिंग और फार्मा नेटवर्क का इस्तेमाल कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवाएं बाजार में खपाई जा रही थीं।

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