रांची: रांची यूनिवर्सिटी में स्नातक (सेशन 2025-29) में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है। अब भारतीय ज्ञान परंपरा (Indian Knowledge System – IKS) के तहत स्नातक स्तर पर झारखंड के प्रमुख पर्व-त्योहारों जैसे सरहुल, करम समेत अन्य पारंपरिक मान्यताओं की पढ़ाई की जाएगी।
रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इंडियन नॉलेज सिस्टम के तहत राज्य के पारंपरिक त्योहारों, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहर को स्नातक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। वे शुक्रवार को पीजी जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा (TRL) विभाग में सरहुल पर्व के अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
सिलेबस निर्माण की प्रक्रिया एक सप्ताह में होगी शुरू
कुलपति ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। विश्वविद्यालय ने शिक्षकों से अपील की है कि जो भी इस विषय पर जानकारी रखते हैं, वे अपने विभागाध्यक्ष को सूचित करें।
पाठ्यक्रम में परंपराओं को शामिल करने का उद्देश्य
रांची यूनिवर्सिटी का उद्देश्य छात्रों को भारतीय ज्ञान प्रणाली से जोड़ना और झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) भी भारतीय ज्ञान परंपरा को उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में एकीकृत करने के लिए प्रयासरत है।
इस कार्यक्रम में ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. टीएन साहू, रजिस्ट्रार डॉ. गुरु चरण साहू, प्रॉक्टर डॉ. मुकुंद मेहता, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विकास कुमार समेत विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधार्थी और छात्र उपस्थित थे।