रांचीः जेपीएससी रिजल्ट से आक्रोशित छात्रों ने जेपीएससी कार्यालय के समक्ष जमकर बवाल काटा और सरकार से फिर से
Highlights
रिजल्ट के प्रकाशन की मांग की.
बता दें कि जेपीएससी सातंवी से दसंवी पीटी परीक्षा में एक सीरीज ने परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की है.
एक सीरीज से परीक्षार्थियों के सफल होने पर परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम को संदेह की नजर से देख रहे हैं.
परीक्षार्थियों की ओर से लगातार इस परिणाम को स्थगित कर फिर से प्रकाशित किए जाने की मांग की जा रही है.
साफ सुथरी परीक्षा हमारा मौलिक अधिकार -एक परीक्षार्थी
जेपीएससी परीक्षार्थी कहकशां परवीन का कहना है कि इस बार की परीक्षा में कटऑफ ऊंचा जाने का कारण कदाचार और भ्रष्टाचार है,
और यह सिर्फ छात्रों के लिए ही घातक नहीं है,बल्कि सिस्टम की असफलता है.
भ्रष्टाचार हमारे समाज को दीमक की तरह चाट रहा है. एक तरह हमें संविधान पढ़ने को कहा जाता है, अपने हक-हुकूक को
जानने की सलाह दी जाती है. दूसरी ओर हमारे मौलिक अधिकारों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.
यदि जेपीएससी परीक्षाओं में इस कदर भ्रष्टाचार होगा, तब कौन छात्र पढ़ना चाहेगा.
फिर तो सिस्टम में नाकाबिलों की भीड़ लगेगी और आखिरकार यह सिस्टम कोलेप्स कर जाएगा.
जब कदाचार से निकले लोग शासन चलाएंगे, तब आप किससे पारदर्शिता की उम्मीद करेंगे. यह सिर्फ छात्रों का ही नहीं समाज
के हर शख्स के फंडामेंटल राइट का उल्लंधन है.
भाजपा ने उठाई जांच की मांग, जेपीएससी अध्यक्ष को हटाए सरकार
जेपीएससी विवाद पर बाबूलाल मरांडी ने पीटी परीक्षा परिणाम को रद्द करने की मांग की है.
बाबूलाल मरांडी ने आश्वस्त किया है कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जाएगा.
बाबूलाल मरांडी ने जेपीएससी अध्यक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि किसी पॉलीटिकल बैकग्राउंड के व्यक्ति
जेपीएससी का अध्यक्ष नहीं बनाना चाहिए.
अमिताभ चौधरी जेपीएससी आयोग के अध्यक्ष बनने के योग्य नहीं है.
सरकार में दरार, पीटी परीक्षा परिणाम रद्द करने के पक्ष में हैं सत्यानंद भोक्ता
जेपीएससी अभ्यर्थियों ने इस मामले में मंत्री सत्यानंद भोक्ता से मिलकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. अभ्यर्थियों ने बताया कि मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इस मामले में सकारात्मक रुख अपनाया है. मंत्री पीटी परीक्षा फल को रद्द करने के पक्ष में है.